आज का दिन: शनिवार, 23 अक्टूबर 2021, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

आज का दिन: शनिवार, 23 अक्टूबर 2021, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

प्रेषित समय :21:41:13 PM / Fri, Oct 22nd, 2021

* मासिक कार्तिगाई शिवजी की ज्योति स्वरूप आराधना का पर्व है.
* इस अवसर पर यथाशक्ति दीप प्रज्वलित करें एवं बारह ज्योतिर्लिंग की स्तुति करें, जीवन में निराशा का अंधकार समाप्त होगा... नई दिशा मिलेगी...
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र -
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्.
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ..1..
भावार्थ- भोलेनाथ अपनी भक्ति प्रदान करने के लिए परम रमणीय सौराष्ट्र क्षेत्र गुजरात में कृपा करके अवतरित हुए हैं. मैं उन्हीं ज्योतिर्मय लिंग स्वरूप, चन्द्रकला को आभूषण बनाए हुए श्री सोमनाथ की शरण में जाता हूं.
श्रीशैलशृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेऽपि मुदा वसन्तम्.
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ..2..
भावार्थ- अन्य पर्वतों से ऊंचा, जिसमें देवताओं का समागम होता रहता है. ऐसे श्री शैल श्रृंग में जो प्रसन्नतापूर्वक निवास करते हैं. जो संसार सागर को पार करने के लिए सेतु तुल्य हैं, उन्हीं श्रीमल्लिकार्जुन भगवान् को मैं नमस्कार करता हूँ.
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्.
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ..3..
भावार्थ- जो भोलेनाथ संतों को मोक्ष प्रदान करने को अवंतिकापुरी उज्जैन में अवतार धारण किए हैं, अकाल मृत्यु से बचने के लिए उन देवों के भी देव महाकाल नाम से विख्यात महादेव को मैं नमस्कार करता हूं.
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय.
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे ..4..
भावार्थ- जो भोलेनाथ कावेरी-नर्मदा के पवित्र संगम में स्थित मान्धाता नगरी में सदा निवास करते हैं, उन्हीं अद्वितीय ओंकारेश्वर नाम से विख्यात भोलेनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्.
सुरासुराराधितपादपद्मं श्री वैद्यनाथं तमहं नमामि ..5..
भावार्थ- जो भोलेनाथ पूर्वोत्तर दिशा में वैद्यनाथ धाम के अन्दर सदा ही पार्वती सहित विराजमान हैं, देव-दानव जिनके चरण कमलों की आराधना करते हैं, उन्हीं श्री वैद्यनाथ को मैं प्रणाम करता हूं.
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगैः.
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ..6..
भावार्थ- जो भोलेनाथ दक्षिण दिशा में स्थित सदंग नामक नगर में विविध आभूषणों से विभूषित हैं, जो भक्ति-मुक्ति को प्रदान करते है, उन्हीं अद्वितीय श्रीनागनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः.
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ..7..
भावार्थ- जो भोलेनाथ मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हैं, मुनीश्वरों द्वारा हमेशा पूजित हैं, उन्हीं केदारनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे.
यद्दर्शनात् पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्रयम्बकमीशमीडे ..8..
भावार्थ- जो भोलेनाथ गोदावरी नदी के पवित्र तट पर स्थित स्वच्छ सह्याद्रिपर्वत के शिखर पर निवास करते हैं, जिनके दर्शन से शीघ्र सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, उन्हीं त्रयम्बकेश्वर की मैं स्तुति करता हूं.
सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः.
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ..9..
भावार्थ- जो भोलेनाथ सुन्दर ताम्रपर्णी नामक नदी-समुद्र के संगम में श्रीरामचन्द्र के द्वारा अनेक बाणों से और वानरों द्वारा पुल बांधकर स्थापित किये गए हैं, उन्हीं श्रीरामेश्वर को मैं नियम से प्रणाम करता हूं.
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च.
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि ..10..
भावार्थ- जो भोलेनाथ डाकिनी-शाकिनी समूह में प्रेतों के द्वारा सदैव सेवित होते हैं, उन्हीं भक्तहितकारी भीमशंकर शिव को मैं प्रणाम करता हूं.
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्.
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ..11..
जो भोलेनाथ काशी में आनन्दपूर्वक निवास करते हैं, जो पाप समूह का नाश करने वाले हैं, ऐसे अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्.
वन्दे महोदारतरं स्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये ..12..
भावार्थ- जो भोलेनाथ इलापुर के सुरम्य मंदिर में विराजमान होकर समस्त जगत के आराधनीय हो रहे हैं, मैं उन घृष्णेश्वर की शरण में जाता हूं.
ज्योतिर्मयद्वादशलिंगकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण.
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च..13..
भावार्थ- जो भक्त क्रमपूर्वक कहे गये इन बारह ज्योतिर्लिंगों के स्तोत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करे तो इनके दर्शन से होने वाले फल को प्राप्त कर सकता है!

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- आज अपने उग्र स्वभाव पर संयम रखें . शारीरिक और मानसिक रुप से शिथिलता का अनुभव करेंगे. अधिक परिश्रम के बाद भी अल्प सफलता ही प्राप्त होगी. संतानों के विषय में भी आपको चिंता सताएगी. कार्य की भागदौड के कारण परिवारजनों के प्रति कम ध्यान दे पाएंगे. हानिकर विचार और आयोजन से दूर रहिएगा. उदर के रोग से पेट दुखने की संभावना है.

वृष राशि:- आज आपको कार्य करने में दृढ़ मनोबल और आत्मविश्वास का पूरा सहकार मिलेगा. इस कार्य का फल भी आपको अपेक्षानुसार मिलेगा. मायके से लाभदायी समाचार प्राप्त होंगे. अभ्यास में विद्यार्थियों को रुचि रहेगी. सरकारी क्षेत्र में लाभ होगा तथा आर्थिक व्यवहार करने में सफलता प्राप्त होगी.

मिथुन राशि:- आज  नई परियोजना का प्रारंभ करने के लिए आज दिन शुभ है . सरकार की ओर से लाभ होने की भी संभावना है. व्यावसायिक या व्यापारी क्षेत्र में आपको ऊपरी अधिकारियों का अच्छा सहयोग प्राप्त होगा. छोटे प्रवास का आयोजन हो सकता है. मित्र या स्नेहीजनों अथवा पडोसियों के साथ अनबन की घटना हुई होगी तो उसका सकारात्मक परिणाम आएगा.

कर्क राशि:- आज नकारात्मक मानसिकता के साथ व्यवहार न करें . शारीरिक और मानसिकरुप से आप अस्वस्थ रहेंगे. मन में दुःख और असंतोष की भावनाएँ रहेगी. आंखो में पीडा़ होने की संभावना है. पारिवारिक वातावरण अनुकूल नहीं रहेगा. पारिवारिक जनों के साथ गलतफहमी न हो इसका ध्यान रखिएगा.

सिंह राशि:- आज आत्मविश्वास की मात्रा आप में अधिक रहेगी . किसी भी कार्य को करने के लिए निर्णय त्वरित ले लेंगे. पिता और बडों से लाभ होगा. सामाजिक रुप से मान-सम्मान में वृद्धि होगी. क्रोध की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक रहेगी.

कन्या राशि:- आज आपके अहम् को कोइ चोट न पहुंचाए एवं आपका किसी से झगड़ा न हो जाए इसका ध्यान रखें . शारीरिक रुप से शिथिलता और मानसिकरुप से चिंता बनी रहेगी. मित्रों और स्वजनों के साथ आप को वैचारिक स्तर पर मनमुटाव हो सकता है. स्वभाव में उग्रता और क्रोध की मात्रा विशेष रहेगी. धार्मिक कार्य में धन का व्यय होगा.

तुला राशि:- आज आप के लिए आज का दिन शुभफलदायी होगा . विविध क्षेत्रों में मिलनेवाले लाभ से आपकी प्रसन्नता में वृद्धि होगी. आपकी आय में भी वृद्धि होगी. मित्रों के पीछे खर्च भी होगा और उनसे लाभ भी प्राप्त होगा. किसी प्रवास या पर्यटन स्थल पर जाने से दिन रोमांचक बन जाएगा. रुचिकर भोजन प्राप्त होगा.

वृश्चिक राशि:- आज का दिन आप के लिए शुभ फलदायी होगा . व्यावसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल प्राप्त होगा. उच्च अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे. कार्य सफलता प्राप्त करनी आज सरल होगी . मान-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी. नौकरी में पदोन्नति होगी. गृहस्थजीवन में भी आनंद का वातावरण छाया रहेगा.

धनु राशि:- आज स्वास्थ्य कुछ नरम-गरम रहने की संभावना है. शारीरिक रुप से अशक्ति और आलस्य की भावना रहेगी. मानसिक रुप से भी चिंता और व्यग्रता बनी रहेगी. व्यावसायिक रुप से विध्न आ सकते हैं. हानिकर विचारों को संभवतः दूर रखिए. किसी भी कार्य का आयोजन संभलकर कीजिएगा. उच्च अधिकारियों के साथ घर्षण के प्रसंग उपस्थित होंगे.

मकर राशि:- आज आपके लिए आकस्मिक धनखर्च के योग हैं, जो व्यावहारिक और सामाजिक कार्य के लिए कुछ बाहर जाने से हो सकता है. खान-पान में संभलकर चलिएगा. क्रोध से बचकर चलिएगा. नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मकता से दूर कीजिएगा. व्यावसायिक स्थल पर अनुकूलता रहेगी.

कुम्भ राशि:- आज आप प्रत्येक कार्य दृढ मनोबल और आत्मविश्वासपूर्वक करेंगे. प्रवास या पर्यटन की संभावनाए अधिक हैं. स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग एवं नए वस्त्र परिधान के प्रसंग उपस्थित होंगे. भागीदारों से लाभ होगा. वाहनसुख प्राप्त होगा.

मीन राशि:- आज का दिन शुभफलदायी है. आप में मनोबल और आत्मविश्वास अधिक रहेगा. शारीरिक रुप से आप स्वस्थ रहेंगे. परिवार का वातावरण भी शांतिप्रद रहेगा. प्रतिस्पर्धियों के समक्ष विजय प्राप्त होगी. आवेश और उग्रता को स्वभाव में से दूर कर दीजिएगा और साथ में वाणी पर भी संयम रखिएगा.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 

*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
है और जीवन का अंत है! 

 शनिवार का चौघडिय़ा 
दिन का चौघडिय़ा       रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- काल              पहला- लाभ
दूसरा- शुभ              दूसरा- उद्वेग
तीसरा- रोग              तीसरा- शुभ
चौथा- उद्वेग             चौथा- अमृ
पांचवां- चर               पांचवां- चर
छठा- लाभ                छठा- रोग
सातवां- अमृत            सातवां- काल
आठवां- काल             आठवां- लाभ

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग 
शनिवार, 23 अक्टूबर, 2021
मासिक कार्तिगाई
अटला तद्दे
शक सम्वत1943   प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टे / गत्ते7
मास आश्विन
दिन काल11:17:34
तिथितृतीया - 27:04:04 तक
नक्षत्रकृत्तिका - 21:53:30 तक
करणवणिज - 13:46:15 तक, विष्टि - 27:04:04 तक
पक्ष कृष्ण
योगव्यतीपात - 22:31:00 तक
सूर्योदय06:26:32
सूर्यास्त17:44:07
चन्द्र राशि वृषभ
चन्द्रोदय19:27:59
चन्द्रास्त08:39:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:31 ए एम से 12:17 पी एम
अग्निवास पाताल - 03:01 ए एम, अक्टूबर 24 तक,पृथ्वी
दिशा शूल पूर्व
नक्षत्र शूल पश्चिम - 09:53 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास पूर्व
* कर्पूरगौरं, करुणावतारं....

https://www.youtube.com/watch?v=G4Hk3q5VVbw

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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