चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने के बाद से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. इस घटना में चमोली के नारायणबागर प्रखंड के पंगाटी गांव में सीमा सड़क संगठन के लिए काम कर रहे मजदूरों के टेंट भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. SDRF की टीम मजदूरों को रेस्क्यू कर रही है और फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. इससे पहले पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे उमा माहेश्वर आश्रम (कर्णप्रयाग) के पास करीब आठ घंटे तक बाधित रहा. एनएच की ओर से रात में मशीनें लगाकर मलबा हटा दिया गया था, लेकिन रात को फिर से पहाड़ी दरकी और यातायात बंद हो गया है.
लैंडस्लाइड के बाद से इस इलाके में करीब 200 वाहन फंसे हुए हैं. रात में हाईवे न खुलता देख तीर्थयात्री और अन्य लोग आसपास के होटलों में रुके हुए हैं. शनिवार और रविवार को कर्णप्रयाग में उमा माहेश्वर आश्रम के पास पहाड़ी से भूस्खलन होने से मलबा हाईवे पर आ गया, जिससे बदरीनाथ, जोशीमठ, चमोली, गोपेश्वर सहित कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर व नजदीकी क्षेत्रों में जाने वाले वाहन फंस गए थे. मिली जानकारी के मुताबिक देर रात इस रास्ते को खोल दिया गया है. उधर ऑलवेदर रोड पर भी बरसात के दौरान बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर से लेकर लामबगड़ तक कई नए भूस्खलन जोन सामने आ रहे हैं, इनमें उमा माहेश्वर आश्रम के पास सबसे बड़ा भूस्खलन जोन नजर आ रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सीएम धामी ही होंगे भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा
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