चावल को ठीक से नहीं पकाने से हो सकता है कैंसर : स्टडी

चावल को ठीक से नहीं पकाने से हो सकता है कैंसर : स्टडी

प्रेषित समय :10:12:41 AM / Sun, Sep 19th, 2021

चावल, जिसे आमतौर पर भारत में चावल या भात के रूप में जाना जाता है, देश में एक मुख्य भोजन है. जब इसका कम मात्रा में सेवन किया जाता है, तो चावल हेल्दी होता है. ये पकाने में आसान ऑप्शन भी है और इस तरह उन लोगों का पसंदीदा है जिनके पास रसोई में बिताने के लिए ज्यादा समय नहीं है.

लेकिन चावल को ठीक से न पकाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में हुए एक स्टडी में दावा किया गया है कि चावल को ठीक से न पकाने से आपको कैंसर भी हो सकता है. हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है.

आजकल हम जो भी खाना खाते हैं वो केमिकल से भरा होता है. बिना ये जाने भी कि हम हर दिन इतने केमिकल्स का सेवन करते हैं, जो भविष्य में परेशानी की वजह बन सकते हैं. आपका पसंदीदा भोजन इन दिनों केमिकल्स से भरा हुआ है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.

स्टडी

इंग्लैंड में क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के एक हालिया स्टडी के मुताबिक, मिट्टी में इंडस्ट्रियल टॉक्सिन्स और पेस्टीसाइड से निकलने वाला केमिकल चावल को खतरनाक बना सकता है. ये कई मामलों में आर्सेनिक पॉइजनिंग की वजह भी बन सकता है.

एक नहीं बल्कि कई स्टडीज हैं जो दावा करते हैं कि चावल एक कार्सिनोजेन है और कैंसर के फॉर्मेशन को बढ़ावा देता है.

एक दूसरी स्टडी में, महिलाओं ने कैलिफोर्निया टीचर्स स्टडी में हिस्सा लिया, जिसे 90 के दशक के मध्य में स्तन और दूसरे कैंसर के संभावित जोखिम फैक्टर्स की पहचान करने के लिए शुरू किया गया था.

फॉलो-अप के दौरान कुल 9,400 प्रतिभागियों ने कैंसर डेवलप किया, जिसमें स्तन और फेफड़ों के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा थे.

आर्सेनिक के नुकसान

आर्सेनिक कई मिनरल्स में मौजूद एक केमिकल है. इसका इस्तेमाल इंडस्ट्रियल इंसेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड बनाने के लिए किया जाता है. कुछ देश ऐसे हैं जिनके भू-जल में आर्सेनिक का हाई लेवल है. लेकिन अगर हम लंबे समय तक भोजन या पानी के जरिए केमिकल के संपर्क में रहते हैं, तो इससे आर्सेनिक पॉइजनिंग हो सकती है.

उल्टी, पेट दर्द और दस्त और यहां तक कि कैंसर का भी अनुभव हो सकता है. स्टडी के मुताबिक, चावल में हाई लेवल का आर्सेनिक होता है और इस तरह, अगर इसे ठीक से नहीं पकाया जाता है, तो ये भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह बन सकता है.

पॉइजनिंग से बचाव के लिए चावल खाने का सही तरीका

आपको अपने पसंदीदा चावल को छोड़ने की जरूरत नहीं है. क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट की स्टडी के मुताबिक, चावल से आर्सेनिक से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे पकाने से पहले रात भर पानी में भिगो दें. जब इस प्रोसेस का पालन किया गया तो टॉक्सिन्स का लेवल 80 फीसदी तक कम हो गया था.

विश्लेषण

पहली विधि में दो भाग पानी और एक भाग चावल पानी को भाप देकर पका लिया जाता है.

दूसरा: चावल के एक भाग में पांच भाग पानी मिला दिया गया और एक्स्ट्रा पानी खत्म हो गया. इस विधि में आर्सेनिक का लेवल आधा रह जाता है.

तीसरा: चावल को रात भर भिगोया गया और ये पाया गया कि आर्सेनिक का लेवल 80 फीसदी कम हो गया. अगर किसी के पास समय नहीं है तो चावल को सिर्फ 3-4 घंटे के लिए भिगोया जा सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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