नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूरे हुए एक साल, प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं बड़े ऐलान

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूरे हुए एक साल, प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं बड़े ऐलान

प्रेषित समय :10:18:54 AM / Thu, Jul 29th, 2021

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने का एक साल पूरा होने के अवसर पर गुरुवार को शिक्षा व कौशल विकास के क्षेत्र से जुड़े देश भर के नीति नियंताओं, छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी. खबर है कि पीएम मोदी का संबोधन शाम 4:30 बजे होगा. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई कार्यक्रमों की शुरुआत भी करेंगे.

पीएमओ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कार्यक्रम में ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ का शुभारंभ करेंगे जो उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए कई प्रवेश और निकास का विकल्प प्रदान करेगा. इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश भी जारी करेंगे.’

प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की जाने वाली अन्य पहलों में ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का नाटक आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल ‘विद्या प्रवेश’, माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए तैयार किए गए एकीकृत कार्यक्रम निष्ठा 2.0, सफल (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन), सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समर्पित एक वेबसाइट शामिल हैं.

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा, यह कार्यक्रम राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचे (एनडीईएआर) और राष्‍ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के शुभारंभ का भी साक्षी बनेगा. पीएमओ ने कहा, ‘यह सारी पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे शिक्षा क्षेत्र को अधिक जीवंत और सुगम बनाने में मदद मिलेगी.’

उसने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सीखने के परिदृश्य को बदलने वाला, शिक्षा को समग्र बनाने और एक आत्मानिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में है. यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और 34 वर्षीय पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह लाई गई है.

पीएमओ ने कहा कि सबके लिए आसान पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित यह नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल है और इसका उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना और प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

दिल्ली में अगले 5 साल नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, दिल्ली सरकार के मंत्री ने किया ऐलान

पीएम मोदी से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में की मुलाकात

अभिमनोजः दिल्ली के दरवाजे खोले, लेकिन किसान तो लखनऊ चल दिए?

दिल्ली–एनसीआर में जोरदार बारिश, मानसून में दूसरी बार ऑरेंज अलर्ट जारी

दिल्ली में लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर ठगने वाले तीन गिरफ्तार, पॉर्न देखने के लिए जुर्माना भरने की देते थे धमकी

भारत की सिल्वर गर्ल मीराबाई चानू स्वदेश लौटी, दिल्ली एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत, एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया

राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी, अगर मांग नहीं मानी तो लखनऊ को दिल्ली बना देंगे, कर देेंगे चारों ओर से घेराव

Leave a Reply