एमपी में अब ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त को भ्रष्ट अधिकारियो, कर्मचारियों की जांच के लिए नही लेना होगी विभाग से इजाजत

एमपी में अब ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त को भ्रष्ट अधिकारियो, कर्मचारियों की जांच के लिए नही लेना होगी विभाग से इजाजत

प्रेषित समय :20:43:37 PM / Wed, Jul 28th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में अब लोकायुक्त व राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को भ्रष्ट अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ जांच के लिए संबंधित विभाग से अनुमति नहीं लेना होगी.  गौरतलब है कि एमपी की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने सात माह पहले भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में बदलाव कर जांच एजेंसियों की ताकत को कमजोर कर दिया था, जिसपर लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने सरकार से सवाल किया था कि एक्ट में बदलाव से पहले अनुमति क्यों नहीं ली गई. 

बताया गया है कि लोकायुक्त ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार व प्रमुख सचिव कार्मिक दीप्ति गौड़ मुकर्जी को नोटिस दिया था, अधिकारियों को 29 जुलाई को जबाव पेश करना था लेकिन इसके एक दिन पहले ही राज्य शासन ने एक्ट में जोड़ी गई धारा 17 ए हटा दी है, इस धारा के तहत बने उस नियम को सरकार हटा रही है जिसमें लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू को जांच के लिए विभाग की अनुमति लेनी पड़ती थी, इस आशय के आदेश भी सरकार ने जारी कर दिए है.   गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 26 दिसम्बर 2020 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 की धारा 17 में 17 ए जोड़ दिया था, जिसके चलते लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू सहित अन्य जांच एजेंसियों को सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जांच व पूछताछ से पहले विभाग से अनुमति लेने का प्रावधान जोड़ा गया था, इससे पहले शिकायत के आधार पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एजेंसिया सीधी जांच करती थी, लेकिन प्रदेश सरकार के नए आदेश के चलते ये अधिकारी वापस ले लिए गए थे.  

ईओडब्ल्यू व लोकायुक्त सहित अन्य एजेंसियों को जांच के लिए शिकायतों को भ्रष्ट अधिकारियों के विभाग के पास भेजा जाता था, इसके बाद विभाग तय करता था कि मामले की जांच कराई जाना चाहिए या नहीं.  एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने सरकार से पूछा थ कि बदलाव से पहले अनुमति क्यों नहीं ली गई, इसे लेकर उन्होने पांच जुलाई तक जबाव मांगा था, फिर भी सरकार के वजह न बताए जाने पर जस्टिस श्री गुप्ता ने नाराजगी व्यक्त की थी, इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार व प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी को नोटिस देकर 29 जुलाई को जबाव पेश करने को कहा, इससे पहले सरकार ने एक्ट से धारा 17 ए हटा दी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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