जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के कटनी-बीना-कटनी रेलखंड पर ट्रेक की क्षमताओं में इजाफा करने के लिए रेल प्रशासन ने व्यापक कार्य करते हुए पुल-पुलियों व ट्रेक में व्यापक सुधार व बदलाव कार्य किया है, जिससे इस रेलखंड पर यात्री गाडिय़ों व मालगाडिय़ों की अधिकतम गति में इजाफा होगा, वहीं इंस्टालिंग पर भी अंकुश लग सकेगा.
इस संबंध में पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि पश्चिम मध्य रेल माल गाडिय़ों के संचालन को गति प्रदान करने के लिए सभी रेलखंडों पर कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं. पमरे की अधिकतम माल गाडिय़ों का संचालन बीना-कटनी रेलखण्ड पर है. यह रेलखण्ड प्रति वर्ष 79.32 मिलियन टन का परिवहन करता है.
इस खंड को पश्चिम मध्य रेल ने भारी लोडेड मालगाड़ी के संचालन के लिए सशक्त बनाया है तथा चुनौतीपूर्ण यात्री गाड़ी के लिए भी अधिक गति प्रदान की है. पमरे द्वारा पिछले तीन साल से बीना-कटनी रेलखण्ड पर रेल संचालन को बढ़वा देने तथा औसतन 4-5 स्टालिंग (यानी गाड़ी का अटक जाना/संचालन न हो पाना) और अनुचित रेल प्रतिस्थापन, यातायात अवरोध न होने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण अंजाम दिया है.
इस रेलखंडों पर यह कार्य किये
- बीना-कटनी रेलखण्ड पर सेक्शन गति को 100 से 110 केएमपीएच तक बढ़ाया जिसके परिणामस्वरूप कटनी-दमोह, दमोह-सागर और सागर-मालखेड़ी के दोनों अप एंड डॉउन पर गति बढाने से स्टालिंग न हो.
- डीपस्क्रीनिंग प्लेन ट्रैक का कार्य कुल 54.5 किमी जिसमें खुरई-सुमरेरि डाउन ट्रैक, बाघोरा-जरूवाखेड़ा अप ट्रैक एवं पथरिया-दमोह अप ट्रैक में किया गया. डीपस्क्रीनिंग का कार्य कर मालखेड़ी, बघौरा, खुरई, ईसरवारा, सैलाया, करहिया भादौली, मकरोनिया एवं जरूवाखेड़ा के 13 पैसेंजर लूप लाइनों को अपग्रेड किया गया है.
- मेनलाइन की प्राथमिक रेल नवीनीकरण/प्रतिस्थापन का कार्य ट्रैक की जाँच के उपरांत गिरवर-गणेशगंज (डाउन एंड अप), पथरिया यार्ड डाउन मेनलाइन, गोलापट्टी-सौगोनि, सैलाया-बखलेटा, मालखेड़ी-बघौरा एवं मालखेड़ी-करोद में कुल 43.5 किलोमीटर किया गया. गति वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कुल 10 किमी में रेल तथा स्लीपर का पूर्ण नवीनीकरण/प्रतिस्थापन का कार्य भी किया गया.
- इस रेलखण्ड में 16 एलसी गेट को भी बंद किया गया और साथ ही दो महत्वपूर्ण एलसी गेट 13 एवं 64 पर एलएचएस का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया. इस रेलखण्ड पर सबसे ज्यादा 42 रेल पुलों को मरम्मत किया गया, जो कि यात्री गाड़ी और मालगाडिय़ों की गति वृद्धि और सरंक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है. कुछ ब्रिजों पर गर्डर एवं स्लीपरों को भी बदला है जो कि गति अवरोध से बचाने में काफी सहायक सिद्घ हुआ है. कुछ महत्वपूर्ण ब्रिजों जैसे सोनार, कोपरा, बेरमी एवं बोझाखो इत्यादि पर सभी प्रकार के सरंक्षा संबंधित कार्य को पूर्ण किया गया.
- इस रेलखण्ड पर पमरे ने कुल 42.5 किमी न्यू थर्डलाइन के कमीशन से भी माल गाडिय़ों की गति को 75 केएमपीएच के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है. न्यू थर्डलाइन मुख्यत: सागर-नरियावाली, लिधौराखुर्द-मकरोनिया एवं मालखेड़ी-खुरई के बीच कमीशन किया गया.
- गति की उत्तरोत्तर वृद्धि एवं सरंक्षा को मजबूत करने के लिए 06 यार्ड के लेआउट मे भी सुधार का कार्य किया गया. इसमें महत्वपूर्ण यार्ड जैसे सैलाया, मकरोनिया, सुमरेरि, गणेशगंज, लिधौराखुर्द एवं असलाना में सुधारीकरण का कार्य किया गया. साथ ही साथ दो यार्ड मालखेड़ी और बघौरा में लूप लाइन को प्रतिस्थापि करके मेनलाइन की तरह बनाया गया. इन सभी कार्यों से इस खंड की गति, सरंक्षा, विश्वनीयता एवं क्षमता में चौमुखी विकास हुआ है और पश्चिम मध्य रेल के फ्रेट ऑपरेशन को मजबूती देने के लिए निर्णायक साबित हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से 9 संदिग्ध रोहिंग्या गिरफ्तार, बोले- जा रहे हैं कश्मीर
रेलवे अब हिल्सा मछली के जरिए पर्यटकों को लुभाने की कोशिश कर रहा
Leave a Reply