रेलवे बोर्ड ने सभी ने महाप्रबंधकों को दिए आदेश, कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को जल्द दी जाए नौकरी

रेलवे बोर्ड ने सभी ने महाप्रबंधकों को दिए आदेश, कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को जल्द दी जाए नौकरी

प्रेषित समय :19:24:22 PM / Mon, Jul 26th, 2021

नई दिल्ली. कोरोना महामारी में आशिंक अथवा पूर्ण लॉकडाउन में भारतीय रेल के कर्मचारी आम जनता तक आवश्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति करते रहे.  अपनी ड्यूटी निभाते हुए अब तक 2903 रेल कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, लेकिन जोनल रेलवे अधिकारी मृतकों के आश्रितों के प्रति असंवेदनशील रवैये अपनाए हुए हैं.  इस कारण कुल मृतकों के आश्रितों में से सिर्फ 1732 को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जा सकी है.  शेष 1171 आश्रित जोनल मुख्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. 

जोनल अधिकारियों के रवैये से नाराज रेलवे बोर्ड ने 14 जुलाई को सभी जोनल महाप्रबंधकों और रेल कारखानों-फैट्रियों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है.  रेलवे बोर्ड के निदेशक (स्थापना) एम.एम. राय ने कहा है कि कोरोना बीमारी के चलते ड्यूटी के दौरान मारे गए कर्मचारियों के आश्रितों (विधवा अथवा बच्चों) को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया को तेज किया जाए.  नौकरी देने में विलंब को लेकर लगतार शिकायतें आ रही है.  उन्होंने कहा कि उक्त प्रकिया को व्यवस्थित बनाए जिससे प्रक्रिया को तेज किया जा सके. 

उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी से मृतक कर्मचारियों के परिवार काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं.  इसलिए आश्रितों को नौकरी देने का काम प्राथमिकता और समयबद्ध तरीके से पूरा करना चाहिए.  विदित हो कि पिछले साल पूर्ण लॉकडाउन में मालगाडिय़ों को परिचालन जारी रहा.  इसके चलते ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर, गैंगमैन, सेक्शन कंट्रोलर आदि कोरोना बीमारी की चपेट में सबसे अधिक आएं हैं.  इसलिए मृतकों में सर्वाधिक परिचालन से जुड़े कर्मचारी हैं. 

एआईआरएफ की मांग, फ्रंट लाइन वर्कर घोषित हों रेलकर्मी

एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार को रेलवे कर्मचारियोंं को फ्रंट लाइन वर्क का दर्जा देना चाहिए.  पुलिस, स्वास्थ्य कर्मियों की तरह रेलवे कर्मी भी कोरोना में ड्यूटी करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मृत्यु होने पर मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है.  अंतिम संस्कार के नाम पर 5000 रुपये व 50,000 रुपये बतौर मुआवजा दिया जाता है.  इसका प्रावधान पहले से है.  महामारी के नाम पर मृतक रेल कर्मियों के परिवार को अभी तक कुछ नहीं दिया जा रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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