नजरिया. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मोदी टीम को मात देनेवाली सीएम ममता बनर्जी इसके बाद से सियासी जोश में हैं और- खेला होबे का नारा राष्ट्रीय स्तर पर लेकर पहुंच गई हैं.
खबरों की माने तो उनका कहना है कि अब सभी राज्यों में खेला होबे और यह तब तक जारी रहेगा जब तक देश की सत्ता से बीजेपी विदा नहीं हो जाती है.
यही नहीं, ममता ने केंद्र में बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय मोर्चा बनाने का आह्वान भी किया है.
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर सियासी खेला कर पाएंगी?
इसका जवाब हां भी है और नहीं भी है?
यदि वे बीजेपी विरोधी वोटों को एकजुट रख पाई तो हां और यदि गैर-भाजपाई वोट कई दलों में बंट गए, तो नहीं!
यह बात ममता बनर्जी भी जानती हैं और इसीलिए देश के वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से कह रही हैं कि- हमें एक मोर्चा बनाने और एक सामान्य कारण के लिए लड़ने की जरूरत है. ऐसे में कृपया जाएं और अपने नेताओं को मनाएं ताकि हम अपने संकीर्ण स्वार्थों और मतभेदों को छोड़ एक साथ आ सकें. एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, तभी हम इस देश को बचा सकते हैं.
सियासी सयानों का मानना है कि यदि ममता बनर्जी पीएम पद को भूलकर केवल विपक्षी एकजुटता पर ध्यान देंगी, तो संभव है कि अगले चुनाव में केंद्र से बीजेपी की विदाई हो जाए, लेकिन यदि विपक्ष के कुछ महत्वाकांक्षी नेता अपनी सियासी क्षमता से बाहर जाकर पीएम पद के राजनीतिक समीकरण में उलझे रहे, तो विपक्ष के साथ ही खेला हो जाएगा?
https://twitter.com/MamataOfficial
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