राजस्थान : 4 लेबर कोड का राज्य के श्रममंत्री के साथ बैठक में HMS महामंत्री मुकेश गालव ने जताया विरोध, कहा- श्रमिकों का होगा शोषण, पूंजिपतियों को पहुंचेगा लाभ

राजस्थान : 4 लेबर कोड का राज्य के श्रममंत्री के साथ बैठक में HMS महामंत्री मुकेश गालव ने जताया विरोध, कहा- श्रमिकों का होगा शोषण, पूंजिपतियों को पहुंचेगा लाभ

प्रेषित समय :19:18:28 PM / Tue, Jul 20th, 2021

जयपुर/कोटा. श्रम कानूनों में बदलाव की तैयारी तेजी से चल रही है. इसी बीच राजस्थान सरकार ने जयपुर में 5 केन्द्रीय श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक श्रममंत्री टीकाराम जूली की अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित की. इस बैठक में हिन्द मजदूर सभा राजस्थान के महामंत्री मुकेश गालव ने 4 लेबर कोड का पुरजोर विरोध जताते हुए कहा कि इसे राज्य में लागू नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि केन्द्र सरकार इस कानून को पूंजिपतियों व बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ला रही है, इस कानून से श्रमिकों का शोषण बढ़ जाएगा.
यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान ने बताया कि जयपुर में आयोजित बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 लेबर कोड में परिवर्तित करने हेतु राजस्थान के सभी श्रम संगठनों की बैठक श्रममंत्री टीकाराम जूली के अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित हुई.

श्रमिकों की भावनाएं आहत होंगी, अधिकार घटेंगे, शोषण बढ़ेगा : गालव

हिन्द मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने श्रममंत्री श्री जूली को बताया कि 4 लेबर कोड श्रमिकों के हित में नहीं है, इनको राजस्थान में लागू नहीं किया जाना चाहिये. श्रीमान मुख्यमंत्री राजस्थान भी इन लेबर कोड का विरोध कर चुके हैं. यह कोड श्रमिकों की भावनाओं को आहत करने वाले हैं. इससे बोनस एक्ट खत्म हो जायेगा, 8 घंटे के काम के अधिकार को खत्म कर मालिकों को ओवर टाईम लगाने की अनिवार्यता की इजाजत दे दी जायेगी, महिलाएं रात्रि पाली में असुरक्षित स्थिति में कार्य करेंगी, फिक्स्ड टर्म एम्पलॉयमेंट को बढ़ावा के चलते नौकरियां असुरक्षित हो गई हैं, किसी भी समय नौकरी जा सकती है, परफार्मेंस के आड़ में मालिकों के लिये नियम आसान हो गये है.

श्रममंत्री ने किया आश्वस्त, श्रमिकों की भावनाएं आहत नहीं होने देंगे

एचएमएस के राजस्थान महामंत्री मुकेश गालव के तर्कसंगत ढंग से 4 लेबर कोड के खिलाफ रखी बातों को श्रममंत्री टीकाराम जूली ने काफी गंभीरता से लिया और उन्होंने केन्द्रीय श्रम संगठनों को आश्वस्त किया है कि पूर्व की सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये गये संशोधनों की भी पुन: समीक्षा की जा रही है श्रमिकों की भावनाओं को किसी कीमत पर आहत नहीं किया जायेगा, जो भी राज्य में कानून बनेंगे, वह केन्द्रीेय श्रम संगठनों से चर्चा करके बनाये जायेंगे.

भवन संनिर्माण श्रमिकों, आंगनबाड़ी महिलाकर्मियों की समस्याओं का ज्ञापन सौंपा

इसी श्रृंखला में कॉमरेड मुकेश गालव ने भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों की समस्याओं से भी अवगत कराया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति योजना कक्षा 6 पास करने के बाद मिलती है, इस योजना को कक्षा 01 से प्रारम्भ किया जाये. श्रम विभाग द्वारा देय टूलकिट योजना, जो सभी पंजीकृत श्रमिकों को पंजीयन के 3 वर्ष पश्चात उनके कार्य करने के औजार खरीदने हेतु श्रम विभाग द्वारा 2000 रुपए की एक ही बार सहायता दी जाती है. इसकी भी रकम बढ़ाई जाये. श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों की अविवाहित पुत्रियों को दी जाने वाली शुभशक्ति योजना का लाभ वर्ष 2017 से ही प्राप्त नहीं हो रहा है. सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को बीपीएल की श्रेणी में शामिल करना, बजरी की समस्या, महिला श्रमिक को सिलाई मशीन व पुरूष श्रमिकों को सहायतार्थ साईकिल देना, सभी पंजीकृत श्रमिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ा जाये, जिससे श्रमिकों को सस्ता राशन मिल सके, साथ ही सभी खदान श्रमिकों को भवन निर्माण श्रमिकों की तरह मिलने वाली सुविधाओं में जोड़ा जाए, जैसी मांगों को भी श्रममंत्री के समक्ष रखा. श्रममंत्री महोदय ने यूनियन की सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया. हिन्द मजदूर सभा से संलग्न राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की समस्याओं का भी ज्ञापन श्रीमान श्रममंत्री टीकाराम जूली को सौंपा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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