जयजीत अकलेचाः अगर बेहतर अवसर मिलते रहे तो जय भी होगी, जीत भी होगी!

जयजीत अकलेचाः अगर बेहतर अवसर मिलते रहे तो जय भी होगी, जीत भी होगी!

प्रेषित समय :07:25:08 AM / Tue, Jul 13th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. किसी भी प्रतिभा को उसकी योग्यता के सापेक्ष उचित सम्मान मिल सकता है, यदि उसे बेहतर अवसर के साथ-साथ सशक्त मंच मिले.

जयजीत अकलेचा ऐसे ही लेखक हैं, जिनकी प्रतिभा तो निर्विवाद है, लेकिन उन्हें अपनी योग्यता के सापेक्ष अच्छे अवसर और बड़े प्लेटफार्म कम ही मिले हैं.

जयजीत का कहना है कि वे सिस्टम के खिलाफ खबरी व्यंग्य लिखते हैं, जो तात्कालिक महत्व के होते हैं, कुछ हार्डकोर आलेख भी लिखते हैं.

कुछ समय पहले भास्कर समूह की लोकप्रिय पत्रिका- अहा! जिंदगी में जयजीत नेे प्रख्यात व्यंग्यकार ज्ञान चतुर्वेदी के नए उपन्यास- स्वांग, की समीक्षा की है.

जयजीत लिखते हैं कि स्वांग को पढ़ने के साथ-साथ अहा! जिंदगी में उसकी समीक्षा करने का भी अवसर प्राप्त हुआ. जिन्हें भी अच्छा व्यंग्य लिखना है, उन्हें इस उपन्यास को जरूर पढ़ना चाहिए. इन दिनों व्यंग्य लिखना बहुत आसान है, लेकिन अच्छा व्यंग्य लिखना उतना ही कठिन. स्वयं ज्ञान सर कहते हैं कि आज जगह-जगह इतना व्यंग्य बिखरा पड़ा है कि अब उसमें से व्यंग्य निकालना बड़ी चुनौती है, क्योंकि जो है, उसे हूबहू रख देना तो व्यंग्य नहीं है. यह उपन्यास यही सिखाता है कि विडंबनापूर्ण और व्यंग्यात्मक स्थितियों के भीतर घुसकर कैसे व्यंग्य की माइनिंग की जा सकती है और कैसे उसे तराशा जा सकता है. जो व्यंग्यकार नहीं हैं, वे भी इसे इसलिए पढ़ें ताकि अपने आस-पास मौजूद और खुद में भी व्याप्त भ्रष्ट चरित्रों को पहचानकर उनका महिमामंडन बंद करने की शुरुआत कर सकें.

जयजीत अकलेचा के विभिन्न व्यंग्य यहां पढ़ सकते हैं....

https://www.facebook.com/a.jayjeet

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

कला-संस्कृति और साहित्य की प्रतिभाओं को मिलेगा मंच!

विदेशी मीडिया ने की भारत की छवि खराब करने की कोशिश

प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट मंजुल के व्यंग्यबाण- रावत जी.... चुनाव से पहले सारा ज्ञान बांट देना है!

श्रेष्ठ भक्ति गीतों को देश की धार्मिक संपत्ति घोषित किया जाना चाहिए!

Leave a Reply