इस हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मुस्लिम महिलाएं पति को दे सकती हैं रिवर्स तलाक

इस हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मुस्लिम महिलाएं पति को दे सकती हैं रिवर्स तलाक

प्रेषित समय :11:46:05 AM / Wed, Apr 14th, 2021

नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि मुस्लिम महिलाएं रिवर्स तलाक दे सकती हैं। अदालत ने कहा है कि एक मुस्लिम महिला अदालत के बाहर अपने पति को एकतरफा तलाक दे सकती है जिसको खुला कहा जाता है। केरल हाईकोर्ट ने इसे कानूनी रूप से वैध माना है। न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुस्तकीम और न्यायमूर्ति सीएस डायस की खंडपीठ ने मुस्लिम पुरुषों के लिए उपलब्ध तालक के अधिकार के लिए क़ुला की बराबरी की। इसके लिए 1972 के फ़ैसले (केसी मोयिन बनाम नफ़ीसा और अन्य) को गलत ठहराया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को ऐसे अधिकार से वंचित रखा गया।

1972 के फैसले में एक एकल पीठ ने कहा था कि एक मुस्लिम महिला अपने पति को अदालत से बाहर तलाक नहीं दे सकती है। मुस्लिम पुरुषों को इस माध्यम से तलाक देने की अनुमति है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि महिलाओं को मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम 1939 (डीएमएमए) के तहत कोर्ट का रास्ता अपनाना आवश्यक है।

अपील की एक बैच पर विचार करने के बाद, डिवीजन बेंच ने कहा कि ष्ठरूरू्र केवल फास्ख को नियंत्रित करता है। अदालत इसमें दिए गए कारणों की वैधता पर अपना फैसला सुनाता है। अदालत ने कहा कि अतिरिक्त न्यायिक तलाक के अन्य तरीके (तल्ख-ए-तफ़विज़, ख़ुला, और मुबारत) मुस्लिम महिला के लिए उपलब्ध हैं, जैसा कि शरीयत अधिनियम की धारा 2 में इसका जिक्र है। तालाक-ए-तफ़वीज़ एक अनुबंध पर आधारित है और पति द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर पत्नी तलाक प्राप्त कर सकती है।  Mubara'at   में आपसी सहमति से अलग होने का प्रावधान रहा है।

अदालत ने कहा, खुला तलाक का एक रूप है जो पत्नी को पति की तरह तलाक देना का अधिकार देता है। तलाक के एक रूप के रूप में खुला की मान्यता सीधे पवित्र कुरान से उपलब्ध है। अध्याय 2 छंद 228-229 में इसका जिक्र है। कुरान पति और पत्नी दोनों को तलाक देने का अधिकार देता है।

अदालत ने कहा कि पति की सहमति प्राप्त करना इसमें जरूरी नहीं है। पत्नी को डावर वापस करने की बाध्यता निष्पक्षता के सिद्धांत पर आधारित है जिसे मुस्लिम कुरान में देखने की आज्ञा है। अदालत ने कहा कि अगर पत्नी ने मेहर लौटाने से इनकार कर दिया, तो पति अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

इंदौर हाईकोर्ट ने मासूम से मिलाने छुट्टी के दिन भी खोली अदालत, जमानत मिलते ही दौड़ी-दौड़ी बेटे के पास रोते हुए पहुंची मां

एमपी हाईकोर्ट ने कहा: कोरोना जांच, इलाज में लूट बर्दाश्त नहीं, उचित दरें निर्धारित करे सरकार

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कार में बैठे अकेले व्यक्ति को भी मास्क पहनना जरूरी है

चुनाव रैलियों में नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइंस का पालन: दिल्ली हाईकोर्ट ने ईसी और गृह मंत्रालय से मांगा जवाब

गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के 20 शहरों में लगाया गया नाइट कर्फ्यू

यूपी में एनएसए का जमकर दुरुपयोग, 120 में 94 मामले हाईकोर्ट ने किए रद्द

महाराष्ट्र: गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दिया, हाईकोर्ट ने दिया आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश

केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार, विज्ञापनों पर खर्च करने की बजाये कर्मचारियों को दें सैलरी

Leave a Reply