पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के इस विवि छात्रसंघ पर एनएसयूआई की भारी जीत, कांग्रेस में खुशी

पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के इस विवि छात्रसंघ पर एनएसयूआई की भारी जीत, कांग्रेस में खुशी

प्रेषित समय :20:20:57 PM / Sun, Apr 11th, 2021

वाराणसी. बनारस के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भारी जीत दर्ज की है. कांग्रेस के इस संगठन ने विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री और पुस्तकालय मंत्री जैसे सभी प्रमुख पदों पर जीत हासिल की है. भाजपा समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी को किसी भी पद पर जीत हासिल करने में नाकाम रही. पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ में एबीवीपी को मिली करारी हार के भी अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई उम्मीदवार कृष्णमोहन शुक्ल, उपाध्यक्ष पद पर अजीत चौबे, महामंत्री पद पर शिवम चौबे और पुस्तकालय मंत्री के पद पर आशुतोष कुमार मिश्रा को जीत मिली है. एनएसयूआई के सभी उम्मीदवारों ने अपने प्रतिद्वंदी अभाविप उम्मीदवारों पर एकतरफा जीत हासिल की है.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या ब्राह्मण छात्रों की रहती आई है. लिहाजा इस विश्वविद्यालय के चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एनएसयूआई को यह सफलता ऐसे समय में मिली है, जबकि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे हैं और लगभग साल भर बाद ही प्रदेश में विधानसभा के भी चुनाव होने तय हैं.

कांग्रेस की ओर देख रहे युवा - विश्वविजय सिंह

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने बताया कि देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए युवाओं में भारी निराशा है. युवाओं को नौकरी से लेकर स्वरोजगार के नाम पर सिर्फ धोखा दिया जा रहा है. यही कारण है कि युवा अब देश के नवनिर्माण के लिए एक बार फिर कांग्रेस की ओर देख रहे हैं. एक के बाद एक विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई उम्मीदवारों की जीत को इसी दृष्टि से देखा जा सकता है.

पूर्वांचल में सक्रिय रही हैं प्रियंका गांधी

दरअसल, इसके पूर्व कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में बेहद सक्रिय रही हैं. उन्होंने प्रयागराज, काशी और गोरखपुर में लगातार लोगों से संपर्क किया है और जनता के जमीनी मुद्दे उठाए हैं. उन्होंने यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क बनाए रखा है और उन्हें जमीन पर संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया है. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी की इसी मेहनत का परिणाम छात्रसंघ चुनावों में दिखाई दे रहा है. पंचायत चुनावों के बीच और विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह की जीत से कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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