घर का दरवाजा ही हमारी सुख, समृद्धि और शांति के द्वार खोलता है. यह टूटा फूटा, एक पल्ले वाला, त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला, दरवाजे के भीतर वाला दरवाजा, खिड़कियों वाला दरवाजा आदि नहीं होना चाहिए. इसकी देहलीज के साथ ही इसकी ऊपर की चौखट को भी सुंदर बनाएं और वहां पर वंदनवार लगाएं. वंदनवार को लगाने के फायदे जानिए.
वंदनवार मुख्यत: तीन चीजों में से एक से बनाया जाता है. 1. अशोक या आम के नए कोमल पत्तों में छेदकरकर पीला सूत डालकर उसकी माला बनाकर, 2. नारियल के रेशों से वंदनवार बनाया जाता है और 3. पीली कौड़ी या सीपों की माला बनाकर चौखट पर टांगा जाता है.
1. आम के पत्ते : मुख्य द्वार में आम, पीपल, अशोक के पत्तों का बंदनवार लगाने से वंशवृद्धि होती है. इसे अक्सर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है. हालांकि इसे हमेशा बांधकर रखना शुभफलदायी है. आम के पत्तों के वन्दनवार से घर में खुशहाली बनी रहती है.
2. अशोक के पत्ते : अशोक के पत्तों के वंदनवार बनाकर चौखट पर लटकाने से घर में आर्थिक संपन्नता आती है.
3. पीली कौड़ी या सीप : पीली कौड़ी या सीप से वंदनवार बनाने से किया कराया या किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है.
4. नारियल के रेशे : नारियल के रेशों के वन्दनवार से घर में कर्ज और सभी तरह के रोग दूर होती हैं.
*अन्य फायदे
5. वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं.
6. वंदनवार बंधी रखने से घर परिवार में एकता व शांती बनी रहती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर-दक्षिण भाषा-सेतु के वास्तुकार : मोटूरि सत्यनारायण
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