रायपुर. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने शनिवार 13 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं. इनमें स्कूल खोले जाने की घोषणा सबसे अहम है. सरकार के फैसले के मुताबिक प्रदेश में दो चरणों में स्कूल खोले जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक सोमवार तक इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से एक गाइडलाइन जारी की जा सकती है.

कैबिनेट की बैठक में कॉलेजों को भी शुरू करने पर फैसला लिया गया है. प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों के साथ चर्चा के बाद कैबिनेट की बैठक में 15 फरवरी से स्कूल और कॉलेज शुरू करने का एलान किया गया. अहम बात ये है कि कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल नहीं खुलेंगे. शालाओं में 9वीं से 12वीं तक ही कक्षाएं ली जाएंगी, या परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी.

छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट के फैसले

बस्तर फाइटर्स विशेष बल का गठन- कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि बस्तर फाइटर्स विशेष बल का गठन होगा. इसमें जिलों के कैडर के आधार पर भर्ती की जाएगी. इस बल में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलेगी, बस्तर संभाग के सभी जिलों ये फोर्स एंटी नक्सल ऑपरेशन पर काम करेगी.

राजीव नगर आवास योजना होगी शुरू- कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि राज्य में आवसहीनों के लिए राजीव नगर आवास योजना शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए हाऊसिंग बोर्ड मकान बनाने का काम करेगी. 1 रुपए प्रति वर्गफुट की दर पर सरकारी जमीन दी जाएगी. छत्तीसगढ़ के शहर और कस्बों में 1 लाख मकाने बनाने की तैयारी है.

मुनाफे में हिस्सा- गोधन न्याय योजना को लेकर तय किया गया कि सरकार जो 10 रुपए में वर्मी कंपोस्ट बेच रही है. इसमें मुनाफे का 85 प्रतिशत हिस्सा इसे तैयार करने वाली महिलाओं को और 15 प्रतिशत गोठान समिति को दिया जाएगा.

ताकि बसे नवा रायपुर- नवा रायपुर अब तक वीरान है. यहां बसाहट को मौका देने के लिहाज से कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया. अब यहां शैक्षणिक संस्थाओं के लिए प्रीमियम 3706 रुपए प्रति वर्ग मीटर की जगह पर घटाकर 2475 प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है. यह दर 21 मई 2022 तक लागू रहेगी.

प्रीमियम की दरें कम हुईं- नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार और बसाहट को प्रोत्साहित करने सेक्टर स्तर पर अधोसंरचना के विकास शुल्क के पुर्ननिर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. जिसके तहत प्रीमियम दरों में औसतन 10 से लेकर 21 प्रतिशत तक की कमी की गई है.

शराब पर एक्सट्रा शुल्क जारी रहेगा- नए साल की आबकारी नीति भी बनाई गई है. इसमें पिछले साल 5 हजार करोड़ आय प्राप्ती की सीमा थी इसी वैसे ही रखा गया है. मंत्री चौबे ने बताया कि कोरोना के चलते अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा था. उसे कोरोना शुल्क के रूप में नहीं बल्कि अब शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के शुल्क के तौर पर लिया जाएगा.

उद्योगों के लिए- राज्य के अधीन औद्योगिक संस्थानों को शासन द्वारा जिस स्त्रोत से जल आबंटन/प्रदाय करने की स्वीकृति दी गई है, उसी स्त्रोत हेतु शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित जल दर ही लागू करने का निर्णय लिया गया.

जमीन मिलेगी- श्री शंकराचार्य आश्रम मानव सेवा तथा जनकल्याण के लिए ग्राम बोरियाकला तहसील व जिला रायपुर में आबंटित भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया गया.

आरडीए के लिए- रायपुर विकास प्राधिकरण को शासकीय भूमि पर निर्मित संपत्तियों को एक रूपए प्रति वर्गफुट की दर से आबंटन करने का निर्णय लिया गया.