नई दिल्ली. केंद्र सरकार और किसानों के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को हुई वार्ता एक बार फिर बेनतीजा रही. दोनों पक्षों के बीच यह नौवें दौर की वार्ता थी. अब बातचीत की अगली तारीख 19 नवंबर रखी गई है. आपको बता दें कि किसानों और सरकार के बीच लंच ब्रेक के बाद शुक्रवार दोपहर दोबारा शुरू हुई बैठक में एमएसपी के मसले पर वार्ता हुई. तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की नौवें दौर की वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के बाद दोबारा हुई.

इस वार्ता में हिस्सा लेने वाले एक किसान नेता ने बताया कि लंच ब्रेक के बाद अब एमएसपी के मसले पर बातचीत हुई. इससे पहले नए कृषि कानूनों के विभिन्न मसलों पर बातचीत हुई लेकिन कानून को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांग पर गतिरोध जारी रही. पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने बताया कि लंच से पहले जिन मसलों पर बातचीत हुई उनमें आंदोलन से जुड़े किसानों पर पंजाब और हरियाणा में दर्ज मुकदमा और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की मदद करने वालों के पीछे जांच एजेंसियों को लगाए जाने के मसले पर भी बातचीत हुई.

इन्होंने बताया कि सरकार ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने जब कानून के अमल पर रोक लगा दी है तो किसान कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में समिति के सामने जाकर अपने समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. मगर किसान नेताओं ने कहा कि उनकी मांग कानून को निरस्त करने की है और जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं होगी तब तक किसान धरना प्रदर्शन पर बैठे रहेंगे.

उन्होंने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने की बात कही और खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम को और मजबूत करने का आश्वासन दिया.

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.