पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह चौहान सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसमें भूमिहीन, सीमांत व छोटे किसानों को गैर लाइसेंसी साहूकारों से लिया गया कर्ज व ब्याज माफ करने के लिए आज कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है. ग्रामीण ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत 15 अगस्त 2020 तक भूमिहीन कृषि श्रमिक, सीमांत और छोटे किसानों को गैर लाइसेंसी साहूकारों से लिया गया कर्ज व ब्याज की रकम ना तो चुकानी होगी व ना ही उनसे वसूली की जा सकेगी. 

बताया गया है कि गैर लाइसेंसी साहूकार इस विधेयक का उल्लघंन करता है तो उसके लिए तीन साल की सजा व एक साल रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है, इतना ही नहीं सिविल न्यायालय में गौर अधिनियम के दायरे में आने वाले प्रकरण की सुनवाई नहीं होगी, ऋ ण वसूली के लिए राजस्व प्रक्रिया के तहत चल रही कार्रवाई भी समाप्त हो जाएगी. विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार इसे विधानसभा में पारित कराकर लागू करेगी. शिवराज कैबिनेट की 6 महीने 10 दिन बाद मंत्रालय में एक्चुअल बैठक हुई यानी सभी मंत्री बैठक में शामिल होने मंत्रालय पहुंचे. पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 2 जुलाई 2020 को एक्चुअल बैठक हुई थीए लेकिन संक्रमण के कारण इस अवधि में वर्चुअल बैठक हो रही थी. 

किसानों को मिलेगा लाभ-

राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि विधेयक लागू होने से तीन श्रेणी के किसानों को इसका लाभ मिलेगा. पहला-भूमिहीन कृषि श्रमिक, जिनके पास जमीन नहीं है और वे अन्य किसी के खेत में मजदूरी करते हैं या बटाई पर खेती करते हैं. दूसरा-सीमांत किसान, जिनके पास आधा हेक्टेयर सिंचित या 1 हेक्टेयर तक सिंचित जमीन है. तीसरा- छोटे किसान जिनके पास 1 हेक्टेयर तक सिंचित या 2 हेक्टेयर तक असिंचित जमीन है. उन्होंने बताया कि इससे पहले अनुसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित-जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को गैस लाइसेंसी साहूकारों से मुक्ति दिलाने का कानून लागू किया जा चुका है.