- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  

* कालसर्प महज एक योग है जिसके अनुसार जब सारे ग्रह राहु-केतु के बीच आ जाते हैं, तब बनता है.

* जब कोई एक ग्रह इस घेरे से बाहर होता है तब इसे आंशिक योग माना जाता है.

* आमतौर पर कालसर्प योग को दोष मानकर डर का ऐसा वातावरण तैयार हो गया है कि व्यक्ति को हर परेशानी का कारण यही दोष नजर आता है.

* वैसे देश-दुनिया में कई ऐसे सफलतम व्यक्ति हैं जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प योग रहे हैं, इसलिए सर्व प्रथम तो कालसर्प योग के डर से मुक्त होना आवश्यक है. 

* यदि कालसर्प दोष जन्म कुंडली में प्रभावी है तो इससे मुक्ति के लिए अमावस्या उत्तम तिथि है. 

* श्रेष्ठ ज्ञानी पंडित के निर्देशन में कालसर्प दोष मुक्ति के लिए पूजा करें.

* यदि पूजा नहीं करना चाहते हैं तो भी कई उपाय हैं जो कालसर्प दोष के मानसिक एवं वास्तविक कुप्रभाव को नष्ट करने में सहायक हैं.

* नागपाश से मुक्त करानेवाले महावीर हनुमान की नियमित पूजा करें, कालसर्प दोष अप्रभावी होगा.

* श्रीकृष्ण से इस दोष के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें एवं घर में मयूर पंख रखें.

* देवी सरस्वती की नियमित पूजा कर इस दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.

* यदि संभव हो तो किसी सपेरे द्वारा पकड़े गए सर्प को मुक्त कराएं.

* अमावस्या को चांदी का सर्प का जोड़ा भोलेनाथ को चढ़ाएं एवं कालसर्प योग के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें.

* कालसर्प योग को लेकर वहम नहीं पालें, वरना बेवजह मानसिक तनाव होगा!

* ग्रहों के गोचर और जन्म कुंडली की दशा-अन्तरदशा के सापेक्ष कुप्रभाव में कमी-बढ़ोतरी संभव है इसलिए भोलेनाथ की शरण में जाएं, हर दोष से मुक्ति मिलेगी!

- आज का राशिफल -  

मेष राशि:- (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा. वाहन सावधानी से चलाएँ. कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी. पूजा-पाठ में मन लगेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. झंझटों में न पड़ें. उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है.

वृष राशि:- (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

अपने काम से काम रखें. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें. आवास संबंधी समस्या हल होगी. आलस्य न करें. सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे. चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कुसंगति से हानि होगी.

मिथुन राशि:- (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा. व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी. व्यापार अच्छा चलेगा. रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा. राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा. प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. क्रोध पर नियंत्रण रखें. लाभ होगा.

कर्क राशि:- (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

व्यापार अच्छा चलेगा. कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी. रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है. पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी. लाभदायक समाचार मिलेंगे. भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे. रोजगार मिलेगा. शत्रु भय रहेगा. निवेश व नौकरी लाभ देंगे.

सिंह राशि:- (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. विवाद न करें. सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी. आर्थिक अनुकूलता रहेगी. रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा. राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं.

कन्या राशि:- (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

व्यावसायिक चिंता रहेगी. संतान के व्यवहार से कष्ट होगा. सहयोगी मदद नहीं करेंगे. व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें. वाहन चलाते समय सावधानी रखें. उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. शत्रु सक्रिय रहेंगे. शोक समाचार मिल सकता है. थकान महसूस होगी.

तुला राशि:- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

मेहनत का फल मिलेगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. व्यवसाय ठीक चलेगा. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा. व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है. कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें. धनार्जन होगा.

वृश्चिक राशि:- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे. पूर्व कर्म फलीभूत होंगे. परिवार में सुखद वातावरण रहेगा. व्यापार में इच्छित लाभ होगा. अतिथियों का आवागमन रहेगा. उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी. स्वाभिमान बना रहेगा. नई योजनाओं की शुरुआत होगी. संतान की प्रगति संभव है.

धनु राशि:- (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा. व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बेरोजगारी दूर होगी. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. जोखिम न लें. क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें. सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी.

मकर राशि:- (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. व्ययवृद्धि होगी. तनाव रहेगा. अपरिचितों पर विश्वास न करें. प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए. रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है. विरोधी परास्त होंगे. यात्रा कष्टप्रद हो सकती है. धैर्य एवं संयम बना रहेगा.

कुम्भ राशि:- (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी. धन प्राप्ति के योग हैं. स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे. संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन मिलेगा. प्रसन्नता रहेगी. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

नई योजना बनेगी. कार्यप्रणाली में सुधार होगा. मान-सम्मान मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें. कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी. कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें. व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- मंगलवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा                  रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- रोग                          पहला- काल

दूसरा- उद्वेग                         दूसरा- लाभ

तीसरा- चर                           तीसरा- उद्वेग

चौथा- लाभ                            चौथा- शुभ

पांचवां- अमृत                          पांचवां- अमृत

छठा- काल                              छठा- चर

सातवां- शुभ                            सातवां- रोग

आठवां- रोग                            आठवां- काल

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग

मंगलवार, 12 जनवरी, 2021
दर्श अमावस्या
शक सम्वत 1942   शार्वरी
विक्रम सम्वत 2077
काली सम्वत 5122
दिन काल 10:28:13
मास पौष
तिथि चतुर्दशी - 12:24:29 तक
नक्षत्र मूल - 07:38:12 तक, पूर्वाषाढ़ा - 30:21:55 तक
करण शकुन - 12:24:29 तक, चतुष्पाद - 23:25:27 तक
पक्ष कृष्ण
योग व्याघात - 26:46:45 तक
सूर्योदय 07:15:19
सूर्यास्त 17:43:33
चन्द्र राशि धनु
चन्द्रोदय चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त 16:48:59
ऋतु शिशिर
अग्निवास आकाश - 12:22 पी एम तक ,पाताल
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास पूर्व