पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्य प्रदेश के प्रख्यात इतिहासविद और शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ बैजनाथ शर्मा पूर्व कुलपति भोपाल विश्वविद्यालय का आज 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. उनकी अंतिम यात्रा सोमवार 11 जनवरी 2021 को जबलपुर के नया गांव रामपुर स्थित उनके निवास स्थान से निकलेगी और अंतिम संस्कार ग्वारीघाट मुक्तिधाम में दोपहर 12 बजे किया जाएगा.

  डा. बैजनाथ शर्मा जबलपुर और सागर विश्वविद्यालयों के इतिहास विभाग में अपनी दीर्घ कालीन सेवाओं के दौरान विभागाध्यक्ष और डीन के पदों पर स्मरणीय सेवाएं दीं. वर्ष 1980 में भोपाल विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए उन्होंने इस विश्व विद्यालय के सुचारु संचालन की नींव रखी. आपका जन्म 18 अगस्त 1930 को होशंगाबाद जिले की बनखेडी तहसील के ग्राम मछेरा में किसान परिवार में हुआ था. आपकी स्कूली शिक्षा पिपरिया में हुई. उन्होंने जबलपुर और बनारस से स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधियां प्राप्त की. उन्होंने प्रसिद्ध इतिहासविद डा राजबली पांडे के मार्गदर्शन में हर्ष एवं उसका समयकाल विषय पर शोध अध्ययन किया और पीएचडी प्राप्त की.

उनका यह शोध प्रबंध इतिहास शोध अध्ययन में एक विशिष्ट स्थान रखता है. वे जहां अपने छात्र जीवन में देश के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों, धुरंधर नेताओं और अकादमिक हस्तियों जैसे डा राममनोहर लोहिया, डा ईश्वरी प्रसाद आदि के निकट संपर्क में रहे वहीं अपने प्राध्यापकीय सेवाकाल में उन्होंने कुंजीलाल दुबे और डा शंकर दयाल शर्मा जैसी हस्तियों का विश्वास प्राप्त हुआ. आचार्य रजनीश ओशो तो उनके सहपाठी मित्र ही थे. 

डा शर्मा ने यूरोप के कई देशो की शैक्षणिक यात्राएं की थी. उन्हे कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया था. स्वभाव से सहज, शालीन, मैत्री संबंध सदा निभाने वाले डा शर्मा महाकोशल क्षेत्र की अनेक शैक्षणिक सामाजिक संस्थाओं के प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक रहे. डा बैजनाथ शर्मा अपने पीछे पत्नी श्रीमती शांति देवी शर्मा सेवानिवृत्त प्राचार्या, तीन पुत्र प्रोफेसर डा सुभाष शर्मा रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, जस्टिस सतीश शर्मा उच्च न्यायालय बंगलूरू, कमांडर शरद शर्मा एवं दो पुत्रियो सहित भरा पूरा परिवार और अनेकानेक शिष्य व स्नेही जन छोड़ गए हैं.