लखनऊ. उत्तर प्रदेश में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मुहैया कराने को लेकर योगी सरकार एक साथ कई मोर्चों पर कार्य कर रही है. इसके तहत नए साल में करीब 50 हजार युवाओं को समूह ग की नौकरियां दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) को तेजी दिखाने को कहा है.

युवाओं को नौकरी देने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता को देखते हुए अब यूपीएसएसएससी ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नए साल में लोक सेवा आयोग की तर्ज पर द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपनाने का फैसला किया है. इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद में भी 50 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भी तेजी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

इस अभियान के जरिये मार्च 2021 तक प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार से जोडऩे का लक्ष्य है. इसके साथ ही विभिन्न भर्ती संस्थाएं भी एक लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां मुहैया कराने के लिए कमर कस रही हैं. इसी क्रम में इस साल में करीब 50 हजार युवाओं को समूह ग की नौकरियां दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तैयारियों में जुट गया है.

समूहग की नौकरियां दिलाने को लेकर होनी वाली भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए यूपीएसएसएससी इस वर्ष लोक सेवा आयोग की तर्ज पर द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपनाने जा रहा है. जिसके तहत अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग के लिए पहले प्रारंभिक परीक्षा कराई जाएगी. प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर शार्टलिस्ट किए गए अभ्यर्थियों के लिए विभागीय जरूरतों और संबंधित सेवा नियमावलियों के अनुसार मुख्य परीक्षा कराई जाएगी.

इसके साथ ही अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए नए साल में यूपीएसएसएससी केवाइसी (अभ्यर्थी को जानिए) प्रणाली भी शुरू करेगा. इसमें अभ्यर्थी को आयोग की वेबसाइट पर एकबार पंजीकरण कराना होगा. उसे हर परीक्षा के लिए अलग से पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी.

इसी प्रकार राज्य में बेसिक शिक्षा परिषद में ही 50 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को एक और भर्ती में मौका देने का आदेश दिया है. वहीं माध्यमिक शिक्षा में 20 हजार से अधिक पदों पर चयन होना तय है. यह संख्या और भी बढ़ सकती है.

भर्तियां करने में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग सबसे आगे है, नए साल में करीब आठ हजार से अधिक पदों पर चयन होना लगभग तय है. उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग भी नई के साथ पुरानी भर्तियां पूरी करेगा.

इसके अलावा सरकार स्टार्टअप नीति 2020 के जरिए नए स्टार्टअप स्थापित करने के लिए युवाओं को विभिन्न माध्यमों से प्रोत्साहित भी करने में जुटी है. सरकार के ऐसे प्रयासों का ही यह नतीजा है कि राज्य में 17 गुना स्टार्टअप बढ़ें हैं.