आज समाज काफी आगे बढ़ चुका है. लोगों की सोच कहीं न कहीं लड़की और लड़के से आगे बढ़ चुकी है लेकिन इस मॉर्डन समय में भी जो एक चीज नहीं बदली वह है एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ भेदभाव. यही कारण है कि वह आज अपनी पहचान बताने से भी घबराते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही ट्रांसजेंडर महिला की कहानी बताएंगे जिसे समाज ने बहुत से ताने दिए लेकिन वो हारी नहीं. 

दरअसल ट्रांसजेंडर महिला उरूज हुसैन को भी समाज में वही बातें सुनने पड़ी जो हर उस एलजीबीटीक्यू के लोगों को सुननी पड़ती हैं. न जाने क्यों लोग आज भी इन्हें भेदभाव की निगाह से देखते हैं.  उरूज हुसैन के साथ भी वही हुआ. लेकिन उन्होंने सफल होने की उम्मीद नहीं छोड़ी. 

शुरू किया अपना कैफे- मीडिया रिपोर्टस की मानें तो उरूज हुसैन ने अपना एक कैफे नोएडा में खोला है. इस कैफे का नाम है 'स्ट्रीट टेंपटेशंस'. यह कैफे भारतीय-चीनी भोजन परोसता है. 

कैफे खोलने का है एक लक्ष्य- दरअसल उरूज हुसैन के साथ वर्कप्लेस पर काफी बार बुरा व्यवहार हुआ था जिसके बाद उन्होंने यह कैफे खोला. उरूज की मानें तो यह कैफे सभी के साथ समान व्यवहार करने के लिए जाना जाएगा. आपको बता दें कि उन्होंने इस काम की शुरुआत से पहले हॉस्पिटेलिटी, इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग और कई तरह के जॉब किए हैं. लेकिन वह चाहती थीं कि वह खुद का अपना कोई काम शुरू करें.