मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में नकली नोट बनाने का काम जारी था. इस मामले में पुलिस ने नकली नोट की बड़ी खेप के साथ 12 लोगों को हिरासत में लिया है. नकली नोट छापने का यह काम महानगर की पॉश कालोनी गंगानगर में चल रहा था. पकड़े गए सभी लोग घर पर ही कम्प्यूटर और कलर प्रिंटर लगाकर नकली नोट छाप रहे थे, जबकि गैंग की महिला सदस्य नकली नोटों को बाजार में चलाने का काम करती थी, जो अबतक लाखों रुपए बाजार में झोंक चुकी हैं. 500 और 200 के नकली नोट तैयार कर बड़ी संख्या में दुकानों और अन्य व्यवसायिक स्थानों पर चला दिए गए.

कैसे हुआ गैंग का खुलासा

दरअसल, एक महिला राशन खरीदने के लिए पास की एक दुकान पर नकली नोट लेकर पहुंची. शक होने पर दुकानदार ने पुलिस को गुपचुप तरीके से बुला लिया. पुलिस ने महिला, उसकी बेटी, तीन अन्य युवती व सात युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. दुकानदार ने पुलिस को महिला ग्राहक के पास 500 व 200 रुपए के नकली नोट होने की सूचना दी. पुलिस को दुकानदार ने बताया कि जो नोट महिला ने उसे दिया है, उसी सीरियल नंबर का नोट तीन दिन पहले उसकी बेटी भी दुकान पर लेकर पहुंची थी. पूछताछ के बाद घर से कंप्यूटर, प्रिंटर, कागज और 500 व 200 रुपए के एक लाख दस हजार के नकली नोट बरामद किए.

सरगना सहित 12 लोग हिरासत में

एसपी देहात केशव कुमार ने भी महिला व उसकी बेटी से पूछताछ की. उसके आधार पर पुलिस उसकी साथी तीन युवतियों व सात युवकों को हिरासत में लेकर थाने ले आई. बताया जा रहा है कि रैकेट के सरगना एक महिला और एक पुरुष है. पुलिस ने पिलखुवा में भी दबिश दी, लेकिन युवक हत्थे नहीं चढ़ा. पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे मामले का राजफाश किया जाएगा. सभी से पूछताछ की जा रही है. नकली नोटों की खेप मिलने से खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई है. पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए लोग काफी संख्या में नकली नोट बाजार में चला चुके हैं.