कोटा. लाखों किसान भाई पिछले महीने भर से दिल्ली के चारों और सड़कों पर डटे हुये है. केन्द्र सरकार द्वारा थोपे गये काले कानूनों से किसान बर्बाद होगा तो मजदूरों, भूमिहीन खेत मजदूर परिवारों का गहरा असर पड़ रहा है. किसानों तथा मजदूरों के कानूनों में बदलाव कर उन्हें गुलाम बनाया जा रहा है. हिन्द मजदूर सभा राजस्थान प्रदेश के महामंत्री मुकेश गालव ने अदालत में चल रहे किसान आन्दोलन को एचएमएस का समर्थन देते हुए हुये कहा कि हिन्द मजदूर सभा द्वारा 26 नवम्बर को देशव्यापी हड़ताल भी की थी. 

श्री गालव ने कहा कि आज किसान दिल्ली के चारों और टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, पलवल बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर, ढंासा बॉर्डर पर कतारे बड़ती जा रही है. आम जनता का किसानों को भारी सहयोग प्राप्त हो रहा है. किसानों के तीन कानूनों को किसानों के लिये नहीं बल्कि इस देशके चन्द बड़े अरबपतियों के लिये लाया गया है.

एचएमएस ने की यह मांग

हिन्द मजदूर सभा द्वारा किसानों तथा श्रमिक वर्ग की ज्वलंत समस्याओं का मांग पत्र प्रधानमंत्री के जिलाधीश महोदय कोटा को दिया गया जिसमें चारों लेबर कॉड्स को शीघ्र अति शीघ्र समाप्त किया जाये. किसानों के तीनों कानूनों को शीघ्र निरस्त किया जाये. बिजली बिल 2020 का  शीघ्र वापस लिया जाये.

निजीकरण, निगमीकरण को शीघ्र बन्द किया जायें. न्यूनतम वेतन 26 हजार रूपये प्रतिमाह घोषित किया जाये. मंहगाई भत्ता का 5 रूप्ये पोईंट दर तय की जाये. सभी गैर आयकर दाताओं के खातों में 7500 की राशि जमा कराई जाये. सभी जरूरतमंद लोगों को प्रतिमाह 10 किलो अनाज मुफ्त दिया जाये. मनरेगा में 200दिन काम का 700 रूपये दैनिक मजदूर की दर से भुगतान किया जाये.

मनरेगा को शहरी क्षेत्र में भी विस्तार किया जाये. नई पेंशन योजना रद्द की जाये तथा पुरानी पेंशन योजना का शीघ्र लागू की जाये.ठेका प्रथा सभा करो और ठेका श्रमिक को रेगुलर श्रमिकों के समान वेतन व अन्य लाभ-परिलाभ की सुविधा प्रदान करो. हिन्द मजदूर सभा की और से किसान आन्दोलन  के समर्थन में वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान, एचएमएस के विजय वाजपेई मुख्य रूप से सम्मिलित थे.