मुंबई. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच रिलांयस जियो के मोबाइल टावरों को लक्ष्य बनाकर तोडफ़ोड़ की जा रही है. इसके साथ ही रिलायंस और अदाणी के प्रोडक्ट्स का विरोध किया जा रहा है. अब तक पंजाब में रिलायंस जियो के 1500 से अधिक टावर तोड़े जा चुके हैं. इस पर अब कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना देना नहीं है. साथ ही कंपनी ने राज्य सरकार से मामले को नोटिस में लेने की भी अपील की है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है और न ही करवाती है और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है.

कंपनी का कहना है कि कॉर्पोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा या पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है. न ही भविष्य में भी ऐसा करने की हमारी कोई योजना है.

भारत में संगठित रिटेल कारोबार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है. यह देश में दूसरी कंपनियों, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स सहित सभी कटेगरी के प्रोडक्ट्स को बेचती है. यह किसानों से सीधी खरीद नहीं करती. किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी भी लंबी अवधि खरीद कॉन्ट्रैक्ट नहीं किए हैं और न ही ऐसा कभी होगा.

रिलायंस ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं और उनका हम सम्मान करते हैं. रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसलिए कंपनी और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले इसका पूरा समर्थन करते हैं. रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.

रिलायंस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों राज्यों में कंपनी के मोबाइल टावर में हुई तोडफ़ोड़ के पीछे प्रतिद्वंदी कंपनियों का भी हाथ है. कंपनी दूरसंचार विभाग में इसकी शिकायत भी कर चुकी है. हालांकि कंपनी ने किसी भी प्रतिद्वंदी कंपनी का नाम नहीं लिया है. लेकिन इस शिकायत के बाद एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने इस आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है. इन कंपनियों ने भी इस विषय में दूरसंचार विभाग को चि_ी भेजी है.