पटना. बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति के बाद भारी उठापटक होने का संकेत है. एक ओर जहां नीतीश कैबिनेट विस्तार की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा अपने पार्टी रालोसपा का विलय जदयू में कर देंगे. इसको लेकर पूरी तैयारी भी की जा चुकी है. हालांकि अभी तक ना ही उपेंद्र कुशवाहा और ना ही जेडीयू की ओर से इसपर आधिकारिक पुष्टि आई है.

सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार उपेंद्र कुशवाहा मकर संक्रांति के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो सकते हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले जा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा बिहार के चुनाव में एक भी सीट जीतने में असफल रही है.

बिहार विधानसभा चुनाव में मनमुताबिक सफलता नहीं मिलने के कारण जेडीयू अब अगले चुनाव की तैयारी में जुट गई है. इसके कारण पार्टी बिहार में पिछड़े और अकलियत नेताओं को साधने में लगी है. पार्टी इसी रणनीति के तहत उपेंद्र कुशवाहा को अपने पार्टी में शामिल कराएगी. उपेंद्र कुशवाहा पूर्व में भी नीतीश के साथ रह चुके हैं.

बताया जा रहा है कि राज्य में लोकसभा, विधानसभा व राज्यसभा की सभी सीटें भर गयी हैं. ऐसे में सिर्फ विधान परिषद की 18 सीटें खाली हैं, जिनमें 12 मनोनयन कोटे की और दो विधानसभा कोटे की सीटें हैं. चार स्थानीय प्राधिकार कोटे की सीटें हैं, जिनके लिए अगले साल चुनाव होगा. उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू मनोयन कोटे से ही विधानपरिषद भेजेगी.