प्रयागराज. केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद प्रो. संगीता श्रीवास्तव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की चौथी स्थायी कुलपति हैं. वह इविवि की पहली महिला कुलपति होंगी. उनका कार्यकाल पांच साल तक रहेगा. केंद्रीय विवि बनने के बाद कुलपति के पद पर प्रो. राजेन हर्षे, प्रो. एके सिंह एवं प्रो. रतनलाल हांगलू नियुुक्त हो चुके हैं. पूर्व में नियुक्त तीनों कुलपति दूसरे विश्वविद्यालय एवं संस्थानों से रहे हैं, जबकि प्रो. संगीता श्रीवास्तव इलाहाबाद विवि से कुलपति बनने वाली पहली प्रोफेसर हैं. 

प्रो. संगीता ने 1989 में इविवि के गृह विज्ञान विभाग में लेक्चरर के रूप में सेवा की शुरुआत की. गृह विज्ञान विभाग उस समय बायोकेमेस्ट्री विभाग का हिस्सा था. प्रो. संगीता श्रीवास्तव के प्रयास से 2002 में गृह विज्ञान विभाग को नया भवन मिल गया. वह 2002 से जून 2019 में राज्य विवि की कुलपति नियुक्त होने तक गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रहीं. 

सेंट मैरीज कान्वेंट से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद संगीता श्रीवास्तव ने इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट( शुआट्स) से बीएससी और जबलपुर विवि से एमएससी की पढ़ाई की.  उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. पीसी गुप्ता के निर्देशन में पीएचडी की.

प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इविवि में अपने 30 साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली. जून 2019 में राज्य विवि में नियुक्ति से पहले वह इविवि प्रवेश समिति की चेयरपर्सन, महिला उत्पीड़न के खिलाफ गठित सी-कैश की अध्यक्ष के साथ एकेडमिक कौंसिल, एग्जीक्यूटिव कौंसिल समेत कई कमेटियों की सदस्य रहीं. इससे पूर्व में भी कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं.

प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने इविवि की कुलपति नियुक्त किए जाने के बाद प्रो. संगीता श्रीवास्तव को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया. कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक राज्य विवि में कुलपति का पद रिक्त हो जाएगा. ऐसे में नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि के कुलपति प्रो. केएन सिंह को प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया)  विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी गई है.