इटारसी. बेंगलुरु से आगरा जा रहे आगरा निवासी एक युवक की गुरूवार की रात मौत हो गई. जीआरपी इटारसी ने रात भर लाश को रेलवे स्टेशन पर खुले चबूतरे पर रख दिया, जहां चूहों ने युवक की दोनों आंखें कुतर डाली. पीएम के बाद परिजन शव को आगरा ले गए, लाश रखने में जीआरपी की लापरवाही की शिकायत परिजनों ने आगरा में की है. 

जांच अधिकारी महेंद्र मिश्रा के अनुसार गुरुवार रात बेंगुलरु से नई दिल्ली जा रही कर्नाटका एक्सप्रेस के एस 9 कोच की बर्थ नंबर 17 पर 33 वर्षीय युवक जितेंद्र सिंह पिता भीकम सिंह निवासी नागला ताज थाना बरहान आगरा अचेत अवस्था में मिला था. ट्रेन रात 9.30 बजे प्लेटफार्म 1 पर आई थी. रेल डॉक्टर्स ने जांच के बाद युवक को मृत घोषित किया.

पुलिस ने लाश को जीआरपी थाने के बाहर चबूतरे पर रखकर मोबाइल से मिले नंबर पर परिजनों से संपर्क किया. शुक्रवार को परिजनों के आने के बाद लाश पीएम के बाद बाद परिजनों को सौंपी गई. परिजनों ने देखा कि उनके बेटे की दोनों को आंखें खराब हो चुकी हैं, जबकि ट्रेन से उतारने के बाद कि फोटो में दोनों आंखें सही सलामत दिख रही हैं. युवक बेंगलुरु में एक कंपनी में जॉब करता था. वह अपने घर जा रहा था, लेकिन रास्ते मे उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई.

जीआरपी टीआई बीएस चौहान ने बताया कि देर रात उतरने वाली लाशों को मर्चुरी रूम में रखने नहीं दिया जाता. परिसर में भी रेलवे की और से कोई इंतजाम नहीं किया गया है इस वजह से हमेशा लाश बाहर ही रखते हैं, लेकिन यह पहली बार हुआ कि चूहों ने आंखें खराब कर दी हैं. आगरा जाने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के बाद जीआरपी की लापरवाही को लेकर शिकायत की है. जांच के बाद लाश की सुरक्षा में हुई लापरवाही से पुलिस मुश्किल में पड़ सकती है.

टीआई का कहना है कि युवक की बेंगलुरु में नौकरी चली गई थी, इस वजह से वह तनाव में था शराब पीकर वह कोच में बैठा और उसके बाद सो गया. कुछ यात्रियों ने बताया कि पहले युवक ने कोच में भी हंगामा किया था.

आगरा जाने के बाद परिजनों ने ट्विटर पर मामले की शिकायत कर दी, जबकि लाश लेने आए पिता को इटारसी में बताया गया था कि शव की आंखें खराब हो गई है, तब उन्होंने कुछ नहीं कहा.