लोग जब अपने नये घर को बनावने की सोचते हैं तो इंजीनियर या वास्तुविद कीचन से लेकर बेडरुम तक हर जगह के लिए एक विशेष दिशा की जानकारी देते हैं. उसी के अनुसार घर की डिजाइन तय होती है. बता दें कि घर की सुख-शांति के लिए यह बहुत जरूरी भी होता है. जिसके पीछे कारण है कि हमारे वास्तु शास्त्र में हर दिशा और कोने का संबंध किसी न किसी खास तत्व और देवता से होता है.
बता दें कि यही वह आधार होते हैं जिस पर वास्तु शास्त्र के सिद्धांत काम करते हैं, इसलिए सभी दिशाओं से जुड़े तत्व और देवताओं की जानकारी आपको होनी जरूरी होती है.
#1 पूर्व दिशा
पूर्व दिशा के देवता भगवान इंद्र को माना जाता है.
#2 पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा के देवता हैं वरूण.
#3 उत्तर दिशा
उत्तर दिशा के देवता कुबेर को माना जाता है.
#4 दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा के देवता यम हैं.
#5 पूर्व उत्तर दिशा
पूर्व उत्तर दिशा के देवता हैं रूद्र.
#6 उत्तर पश्चिम दिशा
उत्तर पश्चिम दिशा के देवता वायु हैं.
#7 पूर्व दक्षिण दिशा
पूर्व दक्षिण दिशा के देवता अग्नि हैं.
#8 दक्षिण पश्चिम दिशा
दक्षिण पश्चिम दिशा के देवता नैऋत हैं.
#9 पूर्व और आग्नेय (पूर्व-दक्षिण)
पूर्व और आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) दिशा का मुख्य तत्व अग्नि को माना जाता है.
#10 पश्चिम और व्याव्य (उत्तर-पश्चिम)
पश्चिम और व्याव्य (उत्तर-पश्चिम) दिशा का मुख्य तत्व वायु होता है.
#11 उत्तर और ईशान (पूर्व-उत्तर)
उत्तर और ईशान (पूर्व-उत्तर) दिशा का मुख्य तत्व जल होता है.
#12 दक्षिण और नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम)
• यही नहीं, दक्षिण और नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा का मुख्य तत्व पृथ्वी होता है.
साभार : वेद संसार डॉट कॉम