देहरादून. उत्तराखंड के देहरादून में स्कूल खुल तो गए हैं लेकिन छात्र संख्या सीमित ही आ रहे हैं. स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए अगले हफ्ते से निजी स्कूलों ने प्रयोगात्मक कक्षाएं शुरू करना तय किया है. स्कूलों को उम्मीद है कि इससे छात्रों की संख्या में इजाफा होगा. कई निजी स्कूलों ने छात्रों को इसके लिए नोटिस भी दे दिया है.

प्रदेश में दो नवंबर को स्कूल खुलने के बाद से छात्रों की संख्या घटती जा रही है. पहाड़ी जिलों में शिक्षकों एवं छात्रों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद से यह संख्या और घट गई है. स्कूल खोलने के बाद से शिक्षकों पर ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई का दोहरा दबाव पड़ रहा है. निजी स्कूल संचालक शिक्षकों का यह दबाव कम करने के लिए ऑफलाइन पढ़ाई पर जोर दे रहे हैं. स्कूल संचालकों का कहना है कि बोर्ड कक्षाओं के लिए प्रयोगात्मक कक्षाएं जरूरी हैं.

प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोशिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि पहले दिन जहां मात्र 58 ही निजी स्कूल खुले थे, अब यह संख्या बढ़कर 70 पार हो गई है. हर दिन दो से तीन निजी स्कूल खुल रहे हैं. लेकिन छात्र संख्या घट रही है, ऐसे में स्कूलों की ओर से प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि प्रयोगात्मक विषयों की कक्षा बोर्ड के छात्रों के लिए खास अहमियत रखती हैं. प्रदेश के छात्र जितनी देरी से स्कूल आना शुरू करेंगे, दूसरे राज्य के छात्रों से उतना पिछड़ते जाएंगे. उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को कोरोना संक्रमण का ध्यान रखते हुए स्कूल भेजने की अपील की है.