घर में मंदिर एक ऐसी जगह होती है जहां सकारात्मक शक्तियों का वास होता है. सभी अच्छे कामों की शुरुआत से पहले घर के मंदिर में माथा टेका जाता है. हर शुभ काम से पहले मंदिर में हाथ जोड़े जाते हैं. ये एक मंदिर सभी सदस्यों को नेगेटिव एनर्जी से बचाकर घर में पॉजीटिव माहौल बनाए रखता है. लेकिन कभी-कभी आपके नियमित पूजा-पाठ और मेहनत के बावजूद काम नहीं बनते. इसकी वजह वास्तु दोष हो सकता है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिरों में पूजा के लिये तस्वीरों या मूर्तियों की ऊंचाई एक अंगुल से बारह अंगुल तक रखना ठीक होता है. इससे ज्यादा ऊंचाई की तस्वीरों या मूर्तियों का इस्तेमाल सामूहिक मन्दिरों के लिये ही किया जाना चाहिए. साथ ही मन्दिर में तस्वीरों या मूर्ति के रख-रखाव का पूरा ध्यान रखना चाहिए.*

किसी प्रकार से खंडित या चटके कांच वाली प्रतिमाओं को मन्दिर में स्थान नहीं देना चाहिए. उन्हें तुरंत हटाकर किसी नदी, तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए या पीपल के नीचे रख आना चाहिए. देखिये प्रतिमा अगर धातु की है, तो उसके खंडित होने पर उसे ठीक भी कराया जा सकता है, लेकिन लकड़ी या पत्थर की प्रतिमा को फिर से ठीक नहीं किया जा सकता, इसलिए उनके खंडित पर उन्हें तुरंत मन्दिर से हटा देना चाहिए.

1. वास्तु के मुताबिक घर का मंदिर स्थापित करने का सबसे शुभ स्थान होता है ईशान कोण (उत्तर-पूर्व). इसीलिए अपने घर को इसी दिशा में रखें.

2. मंदिर ज़मीन पर ना बनाएं. मंदिर इतनी ऊंचाई पर हो कि आपकी छाती और भगवान के पैरों का लेवल बराबर हो.

3. अगर आपका अलग पूजा रूम है तो इसकी दीवारों का रंग पीला, हरा या फिर हल्का गुलाबी रखें. बेहतर होगा आप इनमें से किसी एक रंग से ही दीवारे रंगें.

4. घर का मंदिर हमेशा लकड़ी का रखें. वास्तु के मुताबिक लड़की गुड लक लाती है. अगर आप संगमरमर का मंदिर रखना चाहते हैं तो वो भी रख सकते हैं. इससे भी घर में शांति और खुशी आती है.

5. मंदिर में जलने वाला दिया हमेशा मंदिर के दक्षिण-पूर्वी दिशा में रखना चाहिए. इससे मंदिर के हर एक कोने में रौशनी जाती है और ये धन-दौलत, खुशी और पॉज़िटिविटी लाता है. इसके अलावा अगर आपका मंदिर बेडरूम या किचन में हो तो पूजा के बाद उसे एक परदे से ढककर रखें.

6. मंदिर और बाथरूम की दीवार कभी भी एक नहीं होनी चाहिए. अगर मंदिर दूसरे फ्लोर पर है तो नीचे टायलेट नहीं होना चाहिए.  

7. अपने मृतक बुज़ुर्गों की फोटो को कभी भी भगवान के स्थान पर या उनके पास ना रखें. अगर आपको उनकी फोटो मंदिर में रखनी ही है तो हमेशा भगवान के लेवल से नीचे रखें.    

8. अगरबत्ती, धूपबत्ती, कपूर के पैकेटों को कभी भी सहेज कर ना रखें. अपने मंदिर को हमेशा साफ रखें. पूजा के बाद सामानों को वापस शेल्फ में रखें.