हल्द्वानी. उत्तराखंड के रोडवेज कर्मचारीर पांच महीने से सैलरी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने महज 13 करोड़ 61 लाख रुपये जारी किये हैं. इस धनराशि से सिर्फ एक माह की तनख्वाह बंट पाएगी.

परिवहन निगम का कहना है कि त्योहार के चलते शासन ने एक महीने की तनख्वाह देकर कुछ राहत दी है. वहीं रोडवेज के कर्मचारियों का कहना है कि इस पैसे से वह उधार नहीं चुका पाएंगे त्योहार मनाना तो दूर की बात है. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम और शासन दोनों उनका उत्पीडऩ कर रहे हैं.

पिछले पांच महीने से रोडवेज के छह हजार कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल सकी. कर्मचारी संगठन पूर्व में कई बार मुख्यालय तक वेतन संकट का मामला पहुंचा चुके हैं. अब 13.61 करोड़ की राशि जारी हुई है. हालांकि कर्मचारियों के खातों में पैसा अभी नहीं पहुंचा.

वहीं रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै और उत्तरांचल परिवहन संघ के डिपो अध्यक्ष नवनीत सिंह ने कहा कि चालक-परिचालक, आफिस व वर्कशाप में तैनात कर्मचारी इस कोरोना काल में उधार लेकर जैसे-तैसे अपना परिवार पाल रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि एक साथ पांच महीने की तनख्वाह आने पर कुछ भला होगा. लेकिन सिर्फ एक माह का वेतन रिलीज हुआ है. ऐसे में दीवाली का त्योहार मनाना भी मुश्किल हो गया. वहीं चर्चा है कि इस साल और वेतन मिलने वाला भी नहीं.

परिवहन निगम मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं कि अगर कोई कर्मचारी संगठन कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठेगा तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. जीएम दीपक जैन ने कहा कि इससे रोडवेज का संचालन बधित होने के साथ आय पर भी असर पड़ेगा. लिहाजा, डिपो स्तर पर ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा गया है.