नैनीताल. राज्य के पब्लिक स्कूलों में बेहद कम मानदेय में बच्चों का भविष्य संवार रहे डीएलएड पास शिक्षकों के सरकारी शिक्षक बनने के लिए आवेदन में बड़ा पेंच फंस गया है. इन शिक्षकों ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान की परीक्षा भी पास की है. टीईटी भी पास की, मगर उन्हें आवेदन से वंचित किया जा रहा है.

दरअसल राज्य के पब्लिक स्कूलों में 30 हजार से अधिक शिक्षक डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन हैं. यह शिक्षक डेढ़ हजार से लेकर 25 हजार तक मासिक मानदेय में काम कर बच्चों का भविष्य संवार रहे है.

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता लागू हुई तो केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार में एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन शिक्षकों को एनआईओएस के माध्यम से परीक्षा पास कर योग्यता के मानकों को पार किया. टीईटी भी उत्तीर्ण की. बावजूद इसके उत्तराखंड सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करना तो दूर आवेदन के लिए भी पात्र नहीं माना.