जबलपुर. भारतीय रेलवे में यूनियन की मान्यता चुनाव की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गई है. रेलवे बोर्ड की ओर से सीक्रेट बैलेट इलेक्शन के मद्देनजर एक अधिसूचना जारी की गई है.

जिसमें पांच नंवबर तक चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने के लिए रेलकर्मियों की अंतिम मतदाता सूची जारी करने की बात कही गई है. फेडरेशनों का अनुमान है कि चार और पांच दिसंबर को पूरे देश में यूनियन मान्यता के लिए वोटिंग हो सकती है..

रेलवे में मान्यता प्राप्त यूनियनों का कार्यकाल छह वर्ष निर्धारित है. 2019 में जोनल स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गई यूनियन और फेडरेशन का कार्यकाल पूरा हो चुका है. पहले लोकसभा चुनाव और फिर कोविड 19 के कारण चुनाव नहीं हो रहे थे. मान्यता पाने के लिए धनबाद रेल मंडल में रस्साकसी तेज हो चुकी है.

पश्चिम मध्य रेलवे में पिछली बार कर्मियों ने वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) को सर्वाधिक मत देकर नंबर वन का यूनियन बनाया था, जबकि पमरे मजदूर संघ को दूसरा स्थान मिला था. वर्ष 2013 में 25, 26 और 27 अप्रैल को मान्यता के लिए वोटिंग हुई थी.

हम हमेशा कर्मचारियों के बीच रहते हैं: मुकेश गालव

वहीं डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव का कहना है कि मान्यता चुनाव जब भी हों, हम हमेशा इसके लिए तैयार हैं, क्योंकि हम चौबीस घंटे, 365 दिन कर्मचारियों के बीच ही रहते हैं, उनके सुख-दुख, उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा मुस्तैद रहते हैं.