जबलपुर. रेलवे में निजीकरण, बोनस रेल कर्मचारियों की अन्य समस्याओ को लेकर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा पमरे महाप्रबंधक कार्यालय, जबलपुर के समक्ष उग्र प्रदर्शन कर द्वार सभा का आयोजन किया. एनएफआईआर के आव्हान पर संघ के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनगार के निर्देष पर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा के मार्गदर्शन में सैंकड़ो रेल कर्मियों ने रेल प्रषासन के खिलाफ अपनी मांगो को लेकर गगनभेदी नारों के साथ जमकर आक्रोष व्यक्त किया . संघ प्रवक्ता व कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार रेल कर्मियों के अधिकारों पर कैची नहीं चला सकती. फायदे में चल रही रेलवे को सरकार घाटे में दिखाकर रेलवे को बेचने की साजिश कर रही है जो कि संघ को कतई बर्दाश्त नहीं.

मुख्य वक्ता मंडल सचिव डी. पी. अग्रवाल ने केन्द्र सरकार को ललकारते हुये कहा कि रेल मजदूरों के बलिदान व उनके खून पसीने से बनी रेलवे को समृद्ध बनाने में व-ुनवजर्यो लगे है. देष की जीवन रेखा को हम बर्बाद नहीं होने देंगे, चाहे हमें किसी भी हद तक जाना पड़े . संयुक्त महामंत्री एस.के. वर्मा ने कहा कि सरकार ने मंहगाई भत्ते की तीन किश्तों को रोककर मजदूरों के हितों पर कुठाराघात किया है. साथ ही उनके नाईट ड्यूटी भत्ते समेत अन्य भत्तो परको राककर रेल मजदूरों को प्रताडि़त करने का काम किया है, इसके बावजूद भी सरकार नित नये फरमान जारी करके रेल कर्मियों को गुलाम बनाना चाहती है, जो कि कतई मंजूर नहीं. 

महिला विंग महामंत्री श्रीमति सविता त्रिपाठी, जनरल शाखा अध्यक्ष दीना यादव, मुख्यालय सचिव आर. ए. सिंह मुख्यालय शाखा कोषाध्यक्ष संजय चौधरी, डी.एन.सिंह आदि वक्ताओं ने केन्द्र सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुये कहा कि मजदूरों को उनका हक दिलाने संघ संघर्षरत है.

रेल कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं को रेल प्रशासन रेलवे बोर्ड स्तर पर हल कराने के लिए आर-पार की लड़ाई रेल मजदूर संघ लड़ रहा है. पूरे प्रदर्शन के दौरान संघ के एस. के. सिन्हा, दीपक केसरी, संतोष त्रिवेणी, श्रीमति श्याम कला श्रीवास्तव, श्रीमति दुर्गा तिवारी, रोशन यादव, हनुषा वर्मा, अनिल चौबे, तरूण वत्रा धर्मेन्द्र चौधरी, श्याम अर्क, संतोष पटेल, ओ.पी. चौकसे, रूपेश गुप्ता, एस.के.सिंह, विजय दुबे, त्रिभुवन सिंह, ललन प्रसाद रावत समेत सैकड़ों रेल कर्मी मौजूद रहे.