कोटा/जबलपुर. ऑल इण्डिया रेलवेमैन्स फैडरेशन (एआईआरएफ) के आव्हान पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) द्वारा मंगलवार 20 अक्टूबर को बोनस डे मनाया गया. इस मौके पर रेल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि रेल कर्मचारियों को बोनस नहीं तो रेल भी देश भर में नहीं चलेंगी.

यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके अपना खून पसीना बहाकर, रेलवे को पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 15 फीसदी का मुनाफा कमा कर दिया गया है. पूरे भारतीय रेलवे पर रेलकर्मचारी बोनस की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहा है. यूनियन पदाधिकारी रेलकर्मचारियों के कार्यस्थल पर जाकर बताने का कार्य कर रहे हैं कि सन् 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल के बाद रेलकर्मचारियों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप रेलकर्मचारियों को मिलना प्रारंभ हुआ है, यह रेल कर्मचारियों का अधिकार है, हम इसे लेकर रहेंगे. केन्द्र सरकार कोरोना महामारी की आड़ में मजदूर विरोधी आदेश जारी कर रही है.

21 तारीख तक सरकार करे घोषणा, वरना....

श्री गालव ने आम सभा को संबोधित करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार ने दिनांक 21 अक्टूबर को रेलकर्मचारियों का अधिकार बोनस की घोषण नहीं की तो दिनांक 22 अक्टूबर से पूरे भारतीय रेलवे में एक भी ट्रेन का संचालन नहीं होगा. रेलकर्मचारी पूरी तरह से रेलगाडिय़ों के चक्के जाम कर देगा. 

नाइट ड्यूटी भत्ता बंद करने एवं कटौती का आदेश वापस लो

श्री गालव ने बताया कि पिछले दिनों नाईट डयूटी बन्द करने एवं कटौती करने के आदेश जारी हुये हं.ै इसी प्रकार बिना जॉब एनॉलिसिस के पोईन्टसमैनों एवं स्टेशना मास्टर का डयूटी रोस्टर 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है. इससे रेलकर्मचारियों में भारी आक्रोश है. आम सभा को यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान ने संबोधित करते हुये कहा कि 1974 की रेल हड़ताल के अमरशहीदों की कुर्बानी से बोनस जैसी मांग को हासिल किया था फिर भी केन्द्र सरकार बोनस की घोषण नहीं कर रही है. रेलकर्मचारी काफी आक्रोश है. आम सभा को रविन्द्र शर्मा, प्रदीप शर्मा, नरेश मालव, अजय त्रिवेदी ने भी संबोधित किया.