अनंतपुर (आंध्र प्रदेश). आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढऩे वाली इंटरमीडिएट की 16 साल की छात्रा एम.सरवाणी गर्ल्स सेलिब्रेशन डे के मौके पर एक दिन की कलेक्टर बनीं. दरअसल एक दिन जिला कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने और काम करने के लिए लॉटरी सिस्टम के जरिए नाम निकाला गया था. यह लॉटरी जिला कलेक्टर कार्यालय में मीडिया से जुड़े लोगों की मौजूदगी में निकाला गया.

जिला कलेक्टर गंधम चंद्रूडू ने बालिका भविष्यतू कार्यक्रम लॉन्च किया है. इस कार्यक्रम का मकसद समाज में लड़कियों को आदर देने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए लोगों को जागरुक करना था. एक दिन के लिए जिला कलेक्टर बनने के बाद 16 साल की एम.सरवाणी ने कहा कि हम जानवरों की देखभाल करना और अपने आसपास के इलाके को साफ रखना भूल गए हैं. एक दिन की जिला कलेक्टर ने कहा कि वो शिक्षक बनना चाहती हैं और उनका कहना था कि यह धारणा जरुरी है कि स्कूल के सभी ड्रॉपआउट भी शिक्षित ही होते हैं. 

एक दिन की जिला कलेक्टर ने किया यह काम

एम.सरवाणी को काम के दौरान एक फाइल दी गई. यह महिला एक महिला को 25,000 रुपए मुआवजा देने से संबंधित थी. यह महिला एससी/एसटी एक्ट के तहत एक पीडि़ता थी. सरवाणी ने पूरी फाइल को ध्यान से पढ़ा और फिर सही जगह पर हस्ताक्षर किये. जिला कलेक्टर कार्यालय में मौजूद गैर सरकारी संस्था से जुड़े लोग और अन्य लोग सरवाणी की बुद्धिमता के कायल हो गए थे.

सरवाणी को उनके काम में मदद के लिए आरडीटी हास्पिटल के डायरेक्टर विशाल फेरर और अस्पताल के अध्यक्ष भानुजा मौजूद थे. सरवाणी ने एक अन्य फाइल पर साइन किये इस फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद राज्य प्रशासन की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है कि जो भी महिलाएं घरेलू कार्य के अलावा नौकरी कर रही हैं वैसी महिलाओं से रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई भी ऑफिशियल काम नहीं लिया जाएगा. 

10वीं की छात्रा ने लिए अहम फैसले

शारदा स्कूल की 10वीं की छात्रा के.चिन्मई एक दिन के लिए म्यूनिसिपल कमिश्नर बनीं. के. चिन्मई ने छात्राओं की महवारी के वक्त स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन के डिस्पोजल को लेकर अहम फैसला लिया. इस फैसले के तहत स्कूलों में वेंडिग मशीन लगवाने का आदेश दिया गया है, ताकि पैड को आसानी से डिस्पोज किया जा सके.