नई दिल्ली. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन (एआईआरएफ) की स्टैंडिग कमेटी की बैठक  में बोनस के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर 21 अक्टूबर तक  बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर को रेल का चक्का जाम किया जाएगा. इसके अलावा 20 अक्टूबर को देश भर में बोनस  दिवस मनाते हुए धरना - प्रदर्शन किया जाएगा.  

पूर्व निर्धारित समय के अनुसार आज  शुक्रवार 16 अक्टूबर को एआईआरएफ  की स्टैडिंग कमेटी की बैठक में बोनस, निजीकरण, निगमीकरण, पुरानी पेंशन की बहाली, डीए, नाइट ड्यूटी एलाउंस, एक्ट अप्रैंटिस के समायोजन, सैल्यूट और मान्यता के चुनाव समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. फैडरेशन के अध्यक्ष कामरेड रखाल दास गुप्ता के अस्वस्थ होने की वजह से कार्यकारी अध्यक्ष एन कन्हैया ने मीटिंग की अध्यक्षता की.

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने मीटिंग  में बताया कि इन तमाम मुद्दों पर लगातार रेलमंत्री, बोर्ड के सीईओ समेत सरकार के विभिन्न मंत्रियों और सचिवों  से बात हो रही है.  बातचीत में तो  हर मंत्री और अफसर फैडरेशन की मांग का समर्थन करते हैं, लेकिन आदेश जारी नहीं हो रहा है, इससे कर्मचारियों  में भारी  आक्रोश है.

बोनस की फाइल वित्त मंत्रालय में पेंडिंग

मीटिंग में महामंत्री ने कहाकि रोजाना देश भर रेलकर्मचारियों के साथ ही यूनियन के पदाधिकारियों के फोन आते है और सभी बोनस को लेकर चिंतित हैं. हालाकि महामंत्री ने कहाकि  जब भी  बोनस के बारे में रेलमंत्री और सीईओ से बात हुई,  बताया गया कि रेल मंत्रालय ने बोनस देने  का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और यह फाइल वहीं लंबित है. महामंत्री ने कहाकि हमेशा से ही दुर्गा पूजा के पहले ही बोनस का ऐलान कर दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार अभी तक बोनस का ऐलान नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. महामंत्री ने कहाकि खुद रेलमंत्री ने विभिन्न बैठकों में बताया कि कोरोना के संकटकाल में रेल  कर्मचारियों  ने  काफी मेहनत से काम किया और माल  की ढुलाई में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की, लेकिन जब  बात कर्मचारियों को कुछ देने की होती है, तो सभी खामोश हो जाते हैं.

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि फिलहाल ये सब अधिक दिन तक  चलने वाला नहीं है. बैठक में तय किया गया कि 20 अक्टूबर को देश भर में बोनस डे  मनाया जाएगा, इस दौरान शाखा से लेकर जोन  स्तर पर धरना, प्रदर्शन,रैली का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार को 21 अक्टूबर तक का समय दिया गया है, इस दौरान अगर बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर  को सीधी कार्रवाई करते हुए रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा. महामंत्री ने कहाकि बोनस हमारा हक है और उत्पादकता पर आधारित बोनस है, मतलब साफ है कि रेल कर्मचारियों ने इसे अपनी मेहनत से कमाया है.

मान्यता के चुनाव 20 नवम्बर से 10 दिसम्बर के बीच

महामंत्री ने कहाकि हालाकि पिछला जो अनुभव रहा है, उससे फैडरेशन को मंत्रालय पर  भरोसा कम हुआ है, लेकिन एक बार फिर दावा किया जा रहा है कि मान्यता के चुनाव 20 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच कराया जाएगा. नए श्रम कानूनों के तहत 51 फीसदी वोट पर भी चर्चा हुई, जिसे ज्यादातर महामंत्रियों ने अव्यवहारिक बताया और कहाकि सुप्रीम कोर्ट ने 30 से 35 फीसदी वोट का जो फार्मूला दिया है, उसी आधार पर मान्यता का चुनाव होना चाहिए. फैडरेशन के महामंत्री ने सभी जोनल यूनियन के महामंत्रियों से कहा कि फिलहाल वो अपने चुनाव की तैयारियों को पुख्ता रखें. नाइट ड्यूटी एलाउंस पर चर्चा के दौरान महामंत्रियों ने कहाकि अगर नाइट ड्यूटी एलाउंस नहीं दिया जाता है तो फिर कर्मचारियों से नाइट ड्यूटी भी तत्काल बंद कराई जानी चाहिए. नाइट ड्यूटी एलाउंस को फैडरेशन ने काफी  संघर्ष के बाद हासिल किया है, इस पर किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं  है.

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि एक ओर जब रेलकर्मचारी कोरोना महामारी के बीच ट्रेनों  का संचालन कर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे थे, कोशिश कर रहे थे कि देश के किसी कोने में आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कमी न होने दे, उस वक्त सरकार रेल बेचने का सौदा कर  रही थी. कुल 109 चुनिंदा रेल मार्गों पर 151 ट्रेनों का संचालन प्राईवेट आँपरेटर को देने का काम किया जा रहा था. इतना ही नहीं उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण की साजिश चल रही थी. महामंत्री ने नाराजगी जाहिर की और कहाकि फैडरेशन ने फैसला किया है कि देश के सभी 7600 रेलवे स्टेशनों पर रेल बचाओ, देश बचाओ अभियान समितियों का गठन कर लोगों को रेल के निजीकरण के प्रति जागरूर किया जाए.

मीटिंग को इन्होंने भी किया संबोधित

मीटिंग को फैडरेशन के कोषाध्यक्ष जे आर भोसले, नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री वेणु पी नायर, इस्टर्न रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री अमित घोष, एससी रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री शंकरराव, सहायक महामंत्री एस के त्यागी, नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री आर डी यादव, वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव, श्रमिक यूनियन के महामंत्री मनोज बेहरा,  ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव, ईस्ट कोस्ट श्रमिक यूनियन के महामंत्री पी के पाटसानी, साउथ वेस्टर्न रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री ए एम डिक्रूज, गौतम मुखर्जी के अलावा विभिन्न यूनियन के अध्यक्ष राजा श्रीधर, बसंत चतुर्वेदी, आर सी शर्मा, के श्रीनिवास, आशीष विश्वास और प्रदीप शर्मा ने भी संबोधित किया.