ऐसे कई रिश्ते होते हैं, जिनकी शुरुआत तो प्यारी होती है, लेकिन कुछ समय बाद ही वो किसी बोझ की तरह बन जाते हैं. ऐसे रिश्तों वाले ज्यादातर कपल्स के लिए यह एक बेहद टॉक्सिक बंधन जैसा बन जाता है, जिसमें उनके लिए हर दिन दम घोंटू सा फील होता है. कहीं आप भी तो ऐसे ही रिश्ते में नहीं हैं?

साथ से ज्यादा दूरी में खुशी- पहले जहां साथी का साथ आपको बटरफ्लाइज़ देता था, वहीं अब आपको उनके आसपास रहकर खुशी तक महसूस नहीं होती, तो यानी रिश्ते में आप हैपी नहीं हैं और आप उसे बस चला रहे हैं. इस तरह के रिश्ते में हालात ऐसे बन जाते हैं कि कपल होते हुए भी दो लोग साथ में समय बिताने से ज्यादा दोस्तों संग या फिर अकेले कहीं ट्रैवल करना पसंद करते हैं. साथी से दूरी उन्हें ज्यादा रिलैक्स्ड फील करवाती है और जब वापस आना हो तो उन्हें अजीब सी नाखुशी महसूस होती है.

हमेशा नेगेटिव थॉट्स आना- पार्टनर को लेकर हमेशा फ्रस्टेटिड, इरिटेटिड या फिर नाखुश महसूस करना अनहैपी रिलेशनशिप की ओर इशारा है. इन रिश्तों में पार्टनर के सामने आ जाने पर न चाहते हुए भी बस उसकी नेगेटिव चीजें ही नजर आती हैं. बार-बार दिमाग में यही ख्याल आता है कि आप इस रिश्ते में कितने नाखुश हैं या आप इस सबसे ज्यादा बेहतर डिजर्व करते हैं. इन रिश्तों में रहना जबरदस्त इमोशनल स्ट्रेस लेकर आता है.

झगड़े आम हो जाना - कपल्स के बीच में बहस या फिर झगड़ा होना आम बात है. हालांकि, अगर आपके बीच लगभग रोज ही झगड़े होते हैं या फिर छोटी सी चीज़ भी आपके बीच बहस का विषय बन जाती है, तो इसका मतलब है कि आपके बीच न तो आपसी समझ है और ना ही रिलेशनशिप को चलाने की इच्छा. ऐसे कपल्स एक-दूसरे के लिए ही टॉक्सिक प्रूव हो सकते हैं, जो उनकी पर्सनैलिटी पर भी हावी होने लगता है.

स्कोरकार्ड्स रखना- यहां हम किसी खेल से रिलेटिड स्कोरकार्ड की बात नहीं कर रहे हैं. दरअसल, कई कपल्स जाने अंजाने एक-दूसरे की गलतियों या अन्य चीजों का हिसाब रखने लगते हैं. ऐसे कपल्स में एक-दूसरे से बदला लेने या फिर गलती का अहसास करवाने की भावना ज्यादा होती है. ये जोड़े प्रॉब्लम्स पर साथ में काम कर उसे सुलझाने की जगह, दूसरे की गलतियों का हिसाब ज्यादा रखते हैं. ये किसी भी तरह से हेल्दी रिलेशनशिप नहीं कहलाती है.

हमेशा झुकना- क्या आप ऐसे रिश्ते में हैं, जहां झगड़ा या कुछ भी होने पर आप ही सॉरी बोलते हैं या फिर साथी आपको ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश करता है? अगर हां, तो आप भी अनहेल्दी रिलेशनशिप में हैं. रिलेशनशिप में किसी एक साथी का जरूरत से ज्यादा सुपिरिअर होना और दूसरे का सब्मिसिव होना, किसी भी तरह से हेल्दी रिश्ता मेनटेन नहीं रहने दे सकता. ऐसे रिश्तों में अहंकार या डर का भाव ज्यादा होता है और प्यार कम.