जबलपुर. नाइट ड्यूटी एलाउंस (रात्रि भत्ता) को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे रेल कर्मचारियों को रेल मंत्रालय ने राहत दे दी है. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार रात्रि ड्यूटी भत्ते का भुगतान होगा. इसे लेकर रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक स्थापना (वेतन एवं भत्ते) एनपी सिंह ने सभी जोन को आदेश जारी कर दिया. 

हालांकि रेलवे ने यह शर्त भी रखी है कि रात्रि ड्यूटी भत्ता के हकदार वही कर्मचारी होंगे, जिनका मूल वेतन 43600 रुपये है. इस निर्णय के कर्मचारियों के एक बड़े तबके को मायूस कर दिया है. खास तौर पर सुपरवाइजर ग्रेड के कर्मचारी इस दायरे में नहीं आएंगे, क्योंकि उनका मूल वेतन अधिक है. वहीं रेलवे के इस निर्णय पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा है कि जिन्हें लाभ मिला है, उनके लिए स्वागत योग्य है, लेकिन  हमारी मांग है कि सभी रेल कर्मचारियों को, जो नाइट ड् यूटी करते हैं, उन्हें यह भत्ता दिया जाना चाहिए, इसमें किसी तरह का भेदभाव उचित नहीं है.

जुलाई 2017 से मिलेगा लाभ

रेल कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ते का लाभ एक जुलाई 2017 से मिलेगा. इस मामले की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है, रात 10 से सुबह छह बजे तक किए गए काम के लिए रात्रि ड्यूटी भत्ता मान्य होगा. इसकी राशि हर कर्मचारी के लिए अलग से तैयार की जाएगी.

सुपरवाइजर का प्रमाणपत्र जरूरी

रात्रि पाली में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को भत्ते का लाभ लेने के लिए संबंधित सुपरवाइजर से प्रमाणपत्र भी लेना होगा. उसके आधार पर रात्रि ड्यूटी भत्ते का भुगतान होगा.

इनका कहना....

- रात 10 से सुबह छह बजे तक जाग कर काम करने वाले सभी कर्मचारी को रात्रि भत्ता हर हाल में मिलना चाहिए. मूल वेतन को पात्रता बनाना कहीं से भी उचित नहीं है. इसका हर हाल में विरोध होगा.

मुकेश गालव, महामंत्री, वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन.

- रात्रि ड्यूटी भत्ता काम पर आधारित होना चाहिए. श्रम कानून भी यही कहता है. भत्ता देने का निर्णय स्वागतयोग्य है, पर काम के आधार पर इसका लाभ हर कर्मचारी को मिलना चाहिए.

- नवीन लिटोरिया, मंडल सचिव, डबलूसीआरईयू, जबलपुर.