जबलपुर/भोपाल. पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेलवे स्टेशन स्थित आफीसर्स गेस्ट हाउस में उत्तर प्रदेश की महोबा की एक युवती को नौकरी दिलाने का झांसा देकर सामूहिक रूप से बलात्कार करने के आरोपी दोनों इंजीनियर्स को रेल प्रशासन ने आज मंगलवार 29 सितम्बर को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इस तरह के मामले में रेल प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई की सराहना की जा रही है.

रेल प्रशासन के मुताबिक गत 26 सितम्बर 2020 को भोपाल स्टेशन पर महिला के साथ किये गये दुष्कर्म के अपराध की पुलिस में एफआईआर के उपरांत, इस कृत्य के लिए आरोपित दोनों रेल पर्यवेक्षकों आलोक मालवीय तथा राजेश तिवारी के विरुद्ध भोपाल मंडल द्वारा सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है. उक्त दोनों कर्मियों को उनके कदाचार से भारतीय रेल सेवा के विभिन्न आचरण नियमों की अवहेलना करने पर, रेल प्रशासन द्वारा रेल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

पमरे के जीएम ने सख्त कार्रवाई के दिये थे निर्देश

बताया जाता है कि पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस घटना पर काफी नाराजगी जताते हुए भोपाल डीआरएम से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे, ताकि भविष्य में इस तरह से कोई भी रेल कर्मचारी अपराध नहीं करे और रेलवे की जो छवि धूमिल हुई है, वह नहीं हो. यही कारण है कि आज मंगलवार को आनन-फानन से भोपाल मंडल रेल प्रशासन ने दोनों आरोपी इंजीनियर्स राजेश तिवारी व आलोक माल ीय को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 

डबलूसीआरएमएस ने पहले ही संगठन से दोनों को कर दिया था बर्खास्त

वहीं इस पूरे मामले में रेलवे मजदूर संघ पर छीटेें पडऩे लगे हैं, जिसके बाद तत्काल ही दोनों (राजेश तिवारी व आलोक मालवीय) को दो दिन पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है. इस मामले में डबलूसीआरएमएस के महामंत्री अशोक शर्मा का कहना है कि हम इस तरह के अपराध को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करते, इसलिए दोनों को संघ से बर्खास्त किया गया.