नई दिल्ली. देश में सबसे बड़े रेलवे कर्मचारी एसोसिएशनआल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से कहा है कि भारतीय ट्रेनों में कटौती के लिए पैंट्री कारें हटा दी जानी चाहिए. पिछले दिनों एक खत लिखकर एआईआरएफ ने यह गुजारिश की. साथ ही सुझाव दिया कि पैंट्री कारों की जगह पर कोच लगाए जाएं, जिसके जरिए यात्रियों से और बड़ा राजस्व पैदा किया जा सकेगा. 

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट दि प्रिंट की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि श्री गोयल ने रेलवे बोर्ड को इस प्रस्ताव के बारे में सोचने के लिए कहा है. एआईआरएफ के जनरल सैक्रेट्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि खाना तो बेस किचन्स से भी मुहैया कराया जा सकता है, जो कि रेलवे स्टेशंस पर होते हैं. रेलवे इन रसोइयों या फिर पैंट्री सेवाओं के जरिए किसी भी तरह का रेवेन्यू जेनरेट नहीं करता है.

वहीं, एक रेलवे बोर्ड के अफसर के हवाले से कहा गया-एआईआरएफ के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है, क्योंकि रेलवे अपने कम होते राजस्व को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है. बकौल अफसर, यही वजह है कि रेलवे द्वारा मुहैया कराई जाने वाली लिनेन, तकिया, बेड शीट्स आदि को बंद किए जाने पर भी विचार किया गया था. इस स्तर पर कटौती की बेहद जरूरत है और जो सेवाएं राजस्व पैदा करने के बजाय आर्थिक जिम्मेदारी या देनदानी पैदा करती हैं, उन पर विचार किया जाना चाहिेए.

वहीं अधिकारी भी इस बात पर सहमत हुए कि ट्रेनों में केटरिंग सेवा स्टेशंस पर ट्रेन साइड वेंडिंग स्टैटिक केटरिंग यूनिट्स और ई-केटरिंग सेवाओं के जरिेए भी आसानी से मुहैया कराई जा सकती हैं. पत्र में एआईआरएफ ने यह भी कहा है- सेवाओं की अंधाधुंध आउटसोर्सिंग में भी कटौती की जानी चाहिए. साथ ही रेलवे के सभी PSUs को रेलवे बिल्डिंग्स से काम करना चाहिए. न कि अलग दफ्तरों से.