नई दिल्ली. कांग्रेस ने कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों से कहा है कि वे अपने यहां अनुच्छेद 254(2) के तहत बिल पास करने पर विचार करें जो केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों को निष्क्रिय करता हो.

वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सलाह दी है कि कांग्रेस शासित राज्यों को अपने यहां केंद्र की ओर से पारित कराए गए कृषि संबंधी कानूनों को निष्क्रिय करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 254(2) का इस्तेमाल करने पर विचार करना चाहिए. संविधान का यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को राज्य के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाले केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है. 

वेणुगोपाल ने कहा कि इससे कांग्रेस शासित राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और एपीएमसी के विघटन समेत तीन कठोर कृषि कानूनों को दरकिनार कर सकेंगे.  उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मोदी सरकार और भाजपा द्वारा किए गए घोर अन्याय से भी निजात मिलेगी.

बता दें कि हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को इन विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके बाद ये कानून बन गए.

कृषि कानून किसानों के लिए मौत का फरमान - राहुल गांधी 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर निशाना साधा. गांधी ने आरोप लगाया कि किसानों की आवाज को संसद और बाहर दोनों जगह दबाया गया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, कृषि संबंधी कानून हमारे किसानों के लिए मौत का फरमान हैं. उनकी आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई. यहां इस बात का सबूत है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है.'