जबलपुर/ भोपाल. पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेलवे स्टेशन पर स्थित आफीसर्स गेस्ट गेस्ट हाउस उत्तर प्रदेश की महोबा की एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों राजेश तिवारी व आलोक मालवीय जो वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के रसूखदार बड़े ओहदे पर थे, को रेल प्रशासन ने पहले ही सस्पेंड कर दिया है,जबबकि मजदूर संघ ने दोनों को बर्खास्त कर दिया है. वहीं गेस्ट हाउस के रूम को  दोनों नेताओं को देने वाले सेक्शन इंजीनियर अभिजीत साहा को भी सस्पेंड कर दिया गया है. माना जा रहा है कि इस गेस्ट हाउस में लगातार इस तरह की अनैतिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है. रेल प्रशासन पिछले कई माह की वीडियो रिकार्डिंग की जांच कर रही है, ताकि पूरे मामले का पता लगाया जा सके.

बताया जाता है कि अभी इस मामले के अलावा रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर और कितनी महिलाओं का शोषण किया गया है, इसका भी पता लगाया जा रहा है. साथ ही नियम विरुद्ध आफीसर्स गेस्ट हाउस को कब से इसी तरह मजदूर संघ व अन्य लोगों को एलाट किया जाता रहा है, इसका भी खुलासा होगा.

बताया जाता है कि दोनों की गेस्ट हाउस में रुकने की पात्रता नहीं थी, इसके बाद भी अभिजीत साहा ने ठहरने की अनुमति दी थी. शनिवार को रेलवे स्टेशन गेस्ट हाउस में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. आरोप है कि रेलवे के कर्मचारी नेता राजेश तिवारी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवती को बुलाया था.

पमरे के जीएम भी शर्मनाक घटना से हैं आक्रोशित

बताया जाता है कि पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एसके सिंह इस पूरी शर्मनाक घटना से काफी आहत हैं और वे रेल कर्मचारी के कृत्य से काफी आक्रोशित हैं. बताया जाता है कि जीएम श्री सिंह ने भोपाल डीआरएम को स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस मामले में किसी भी रेल अधिकारी व संबंधित कर्मचारी को नहीं बख्शा जाए, जो इस पूरे मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त पाये जाते हैं. माना जा रहा है कि आरोपित राजेश तिवारी डीआरएम कार्यालय में सीनियर सेक्शन इंजीनियर सेफ्टी और आलोक मालवीय भोपाल स्टेशन पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर विद्युत के पद पर थे की आने वाले दिनों में बर्खास्तगी की जायेगी.

डबलूसीआरएमएस ने दोनों को किया बर्खास्त

वहीं इस पूरे मामले में रेलवे मजदूर संघ पर छीटेें पडऩे लगे हैं, जिसके बाद तत्काल ही दोनों (राजेश तिवारी व आलोक मालवीय) को बर्खास्त कर दिया गया है. इस मामले में डबलूसीआरएमएस के महामंत्री अशोक शर्मा का कहना है कि हमने तो राजेश तिवारी से संगठन विरोधी गतिविधियों के चलते मार्च माह में ही इस्तीफा ले लिया था, लेकिन उसके तत्काल बाद लाकडाउन लग गया, जिससे उनका इस्तीफा डिवीजनल काउंसिल में पास नहीं हो सका, लेकिन जुलाई में मीटिंग के बाद उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया था, वहीं आलोक मालवीय पद पर थे, लेकिन जैसे ही हमें घटनाक्रम की जानकारी लगी, तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया. उन दोनों का संघ से कोई लेना-देना नहीं है.