आसान से वास्तु उपाय, सफलता दिलाए
प्रेषित समय :20:21:07 PM / Thu, Sep 24th, 2020
यदि आपके घर का बजट गड़बड़ा गया हो, आप से ज्यादा खर्च होता है, परिवार में अशांति रहती है, नोट कमाने के सारे प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हों, तो भगवान को खुश करने के लिए पूजा कक्ष में लाल रंग का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें.
जहां आप बटुआ रखते हों, उस स्थान को भी लाल व पीले कलर से रंग दें. कुछ ही दिनों में फर्क महसूस होगा. यदि आपको लगता है कि आपसे कोई ईर्ष्या करता है, आपके कई दुश्मन हो गए हैं. हमेशा असुरक्षा व भय के माहौल में जी रहे हों, तो मकान की दक्षिण दिशा में से जल के स्थान को हटा दें. इसके साथ ही एक लाल रंग की मोमबत्ती आग्नेय कोण में तथा एक लाल व पीली मोमबत्ती दक्षिण दिशा में नित्यप्रति जलाना शुरू कर दें.
घर में बेटी जवान है, उसकी शादी नहीं हो पा रही है, तो एक उपाय करें- कन्या के पलंग पर पीले रंग की चादर बिछाएं, उस पर कन्या को सोने के लिए कहें. इसके साथ ही बेडरूम की दीवारों पर हल्का रंग करें. ध्यान रहे कि कन्या का शयन कक्ष वायव्य कोण में स्थित होना चाहिए.
कभी-कभी ऐसा होता है कि व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न होते हुए भी बेरोजगार रह जाता है. वह नौकरी के लिए जितना अधिक प्रयास करता है, उसकी कोशिश विफल होती जाती है. इसके लिए व्यक्ति भाग्य को जिम्मेदार ठहराता है. लेकिन अपने भाग्य को कोसने के बजाय एक उपाय करें- नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं, तो जेब में लाल रूमाल या कोई लाल कपड़ा रखें. सम्भव हो, तो शर्ट भी लाल हनें. आप जितना अधिक लाल रंग का प्रयोग कर सकते हैं, करें.
लेकिन यह याद रखें कि लाल रंग भड़कीला ना लगे सौम्य लगे. रात में सोते समय शयन कक्ष में पीले रंग का प्रयोग करें. याद रखें, लाल, पीला व सुनहरा रंग आपके भाग्य में वृद्धि लाता है. अतः हमेशा अपने साथ रखें व इन रंगों का व्यवहार ज्यादा से ज्यादा करें, सफलता मिलेगी.
जीवन में पीले रंग को सफलता का सूचक कहा जाता है. पीला रंग भाग्य में वृद्धि लाता है. कन्या की शादी में पीले रंग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कन्या ससुराल में सुखी रहेगी.
विवाह निर्विघ्न होने की शुभ सूचना वस्तुतः हल्दी से सम्पन्न होती है, क्योंकि हल्दी को गणेशजी की उपस्थिति माना जाता है. और जिस कार्य में गणेश जी स्वयं उपस्थित हों, उस कार्य को पूरा करने में विघ्न कैसे आ सकता है.
हल्दी की गांठों में कभी-कभी गणेश जी की मूर्ति का चित्र मिलता है. लक्ष्मी अन्नपूर्णा भी हरिद्रा कहलाती हैं. श्री सूक्त में वर्णन किया गया है कि लक्ष्मी जी पीत वस्त्र धारण किए है. अतः आप समझ सकते हैं कि हल्दी का कितना महत्व है. इतना ही नहीं, बृहस्पति का रंग भी पीत वर्ण का है, तभी तो पीत रंग का पुखराज पहनकर बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है.
साभार : Divya Astrological consultancy