जबलपुर. रेलवे के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के तत्वाधान में दिनांक 14 सितम्बर से 19 सितम्बर तक पूरे भारत वर्ष में शुरू हुये जन-आंदोलन के तहत जबलपुर रेल मंडल में शनिवार की रात 8 बजे से 8.10 बजे (10 मिनट) तक हजारों रेल कर्मचारियों, आमलोगों ने केेंद्र सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए अपने-अपने घरों की लाइटें  बंद  कर ब्लैक आउट किया और एआईआरएफ-डबलूसीआरईयू के आंदोलन का मुखर होकर समर्थन किया. आंदोलन की सफलता पर यूनियन ने सभी रेल कर्मचारियों, आमजनों का आभार जताया है.

डबलूसीआरईयू के जबलपुर मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने  जबलपुर मण्डल के सभी रेल कर्मचारियों, यूनियन के जोनल, मंडल पदाधिकारी एवं सभी शाखाओं के पदाधिकारी, सक्रिय कार्यकर्ता, रेल कर्मियों के बच्चे व परिजनों को भारतीय रेलवे के निजीकरण के खिलाफ दिनांक 14 से 19 सितंबर तक पूरी ताकत एवं एकता के प्रदर्शन के लिए जो सहभागिता की उसके लिए आभार जताया है. यूनियन ने कहा कि मोटर साइकिल रैली, मशाल जुलूस, जनसभाएं और भारी संख्या में रेल कर्मियों ने आज  रात 08 बजे घरों की लाइट बंद कर ब्लैक आउट भी किया. इस आंदोलन की जबर्दस्त सफलता का असर आने वाले समय में जरूर नजर आयेगा. श्री लिटोरिया ने कहा कि हमारा यह अभियान भविष्य में आगे भी जारी रहेगा. इसके लिए तैयार रहे और जागरूकता बनाये रखे.

यह है आंदोलन का कारण

यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने कहाकि सरकार पूंजीपतियों के फायदे के लिए 109 रूटों पर 151 ट्रेनों एवं 50 स्टेशनों को बेचने पर आमादा है. इससे छात्रों, पत्रकारों, वरिष्ठ नागरिकों, गंभीर मरीजों, दिव्यांगों एवं गरीब आदमी का यात्रा करना काफी दुश्कर हो जायेगा. पूंजीपति हमेशा फायदा कमाने के लिए काम करेगा न कि इस देश की जनता की सेवा के लिये. रेलवे देश के आम जनता के टैक्स के पैसे से खड़ी की गयी संस्था है. इसे पूंजीपतियों के हाथों बेचकर बरबाद होने से बचाना ही हमारा उद्देश्य है.

सभी नवरत्न, महारत्न कंपनियों को  बेचने पर आमादा केंद्र सरकार: शुक्ला

मंडल अध्यक्ष का. बी.एन. शुक्ला ने कहा कि सरकार रेलवे के कल-कारखानों, पब्लिक सेक्टर की 26 कंपनियों एवं भेल, तेल, सेल, एलआईसी महारत्न, नवरत्न कंपनियों, कोल इंडिया व सभी सरकारी संस्थाओं को जल्दी से जल्दी बेच देना चाहती है. सरकार सभी प्रकार की जिम्मेदारी से बचना चाहती है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो कोरोना की आड़ लेकर वर्तमान सरकार देश की सभी परिसम्पत्तियों को पूॅजीपतियों के हाथों गिरवी रख देगी एवं एक-एक कर बेच देगी. यह बहुत खतरनाक स्थिति होगी. ऐसा उत्पीडऩ का दौर आयेगा, जिसकी लोगों ने कल्पना नहीं की होगी.

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