रिलेशनशिप में किसी भी बात पर असमंजस और असहमति होना आम बात हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस स्थिति को किस तरह संभालते हो या बात को बढ़ाते हो. अगर ऐसी स्थिति में हमेशा ही बहस तक बात पहुंचे तो इसका असर आपकी रिलेशनशिप की मजबूती पर भी पड़ता हैं. अगर आपकी अभी-अभी नई रिलेशनशिप की शुरुआत हुई हैं तो जाहिर हैं कि दोनों को एक-दूसरे को समझने में वक़्त लगेगा. लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो बार-बार सामने आए तो इन्हें नजरअंदाज करना आपके लिए भारी पड़ेगा. आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका जितना जल्दी हो सकें समाधान निकालना जरूरी होता हैं.

रिलेशनशिप की शुरुआत में अधिकतर लोग शारीरिक आकर्षण के कारण एक-दूसरे के करीब आते हैं. ऐसे में अगर एक-दूसरे के विचार आपस में नहीं मिलते हैं तो रिश्ता बहुत लंबे समय तक नहीं चल पाता. दोनों ज्यादातर एक-दूसरे की बातों से सहमत नहीं होते तो इसके बारे में दोनों को बैठकर बात करनी चाहिए.

बार-बार धोखा देना और माफ करना- देखने में आता है कि रिलेशनशिप में एक पार्टनर सीधा और दूसरा पार्टनर उसके सीधेपन का फायदा उठाकर उसे धोखा देता है. जब वह पकड़ा जाता है तो माफी मांग लेता है. ये काम अगर कोई आपने पार्टनर से बार-बार करता है तो ऐसे रिश्ते में आगे बढ़ने के पहले आपको एक बार सही से सोचना चाहिए. गलतियों को माफ करना महानता है, मगर कोई व्यक्ति एक ही गलती बार-बार करे, तो उसे माफ करना मूर्खता होगी.

अगर पार्टनर सिर्फ फिजिकल होने की बात करे- रिलेशनशिप में फिजिकल होना कितना जरूरी है, ये कोई बहस का मुद्दा नहीं है. यह दोनों की व्यक्तिगत च्वाइस की बात है.अगर आप दोनों तैयार हैं, तो फिजिकल रिलेशनशिप में कोई बुराई नहीं है. अगर सामने से कोई भी पार्टनर आपसे हर बार मिलने या बात करने पर सिर्फ फिजिकल होने की बातें करता है, तो आपको उसकी साइकोलॉजी के बारे में एक बार गहराई से समझने की जरूरत है. संभव है कि ऐसा रिश्ता सिर्फ फिजिकल संटुष्टि के लिए बनाया जा रहा हो.

सिर्फ अपने काम को महत्व देना- अपने काम को सही तरीके से करना बहुत अच्छी बात है. लेकिन इस बीच व्यक्ति को अपनी निजी जिंदगी और लाइफ पार्टनर को इग्नोर नहीं करना चाहिए. क्योंकि आपका काम आपके पास एक समय तक है और आपकी लाइफ पार्टनर जिंदगी भर के लिए है. इसलिए उसको समय दें. कभी-कभार काम को ज्यादा महत्व देना समझ आता है, लेकिन अगर हमेशा ही कोई व्यक्ति अपने काम को रिश्ते से ज्यादा महत्व देता है, तो रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले सोच लें.

आप खुलकर बोल नहीं पाते- पार्टनर या जीवनसाथी का अर्थ होता है सहभागी, यानी जो आपके हर काम में बराबर का हिस्सेदार हो. ऐसे में अगर आप अपने पार्टनर के सामने कुछ बोल ही न पाएं और वह हमेशा आपको चुप करा दे तो यह अच्छी बात नहीं है. आपकी हर बात को उसे सुनना चाहिए. आगे हो सकता है कि वह आदमी आपके ऊपर अपनी हर चीज को थोपने लगे. इसलिए इस रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले ठीक स् विचार कर लें.

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