अपना घर अपना होता है. यह जुमला हम जब भी सुनते हैं, एक अपने पन का अहसास जरूर होता है. लेकिन जब हम अपना घर या कार्यालय बनवाएं तो भूमि चयन करते समय वास्तु शास्त्र को जरूर • भूमि ऐसी जगह न हो जहां गली या रास्ते का अंत होता हो. यह अशुभ होती है. • यदि भूमि खोदने पर हड्डी या फटा कपड़ा मिले तो भूमि अशुभ होती है. • ऐसा हुआ तो सुन सकेंगे भगवान श्रीकृष्ण की आवाज • भूमि खरीदते समय ध्यान रखें • भूमि का रंग कैसा भी हो लेकिन वह चिकनी होनी चाहिए. • जिस भूमि पर पहले कभी श्मशान रहा हो वह भूमि अपशकुनी होती है. • भूमि का चयन करते समय यह जरूर देखें की भूमि बंजर न हो, उसमें कुछ न कुछ उत्पन्न होता हो. • भूमि में एक गड्डा खोदें, उसमें पानी भर दें. वहां से पूर्व दिशा की और 100 कदम चलें. और लौट आएं. यदि उस गड्डे में पानी पूरा फुल है. यदि पानी पूरा भरा है तो अत्यंत श्रेष्ठ है. आधा खाली है. तो भूमि मध्यम फल देने वाली है. यदि पूरा पानी सूख जाए तो भूमि व्यक्ति के लिए भाग्यशाली नहीं होती. • उपाय विद्यालय बनवाते समय जरूर आजमाएं • अपना मकान या कार्यस्थल ऐसी जगह बिल्कुल भी न बनाएं जिसके उत्तर-पूर्व दिशा में ऊंचे भवन, पर्वत या पीपल का पेड़ हो. • भूमि की मिट्टी पीली या सफेद है तो वह श्रेष्ठ है • यदि लाल है तो मध्यम और काले वर्ण की मिट्टी है तो ठीक नहीं मानी जाती है. • भवन के लिए भूमि खरीदते समय यह ध्यान रखें कि उसके उत्तर-दक्षिण में तालाब या नदी न हो ऐसी जगह धन का नाश करती है. • आपको भी अगर मकान संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या सलाह लेना चाहते हैं. या जमीन जय जगत मकान संबंधित किसी भी प्रकार की साभार: ज्योतिषाचार्य ओम
आधार बनाएं. साथ में ये उपाय जरूर आजमाएं...
• जहां तीन रास्ते एक साथ मिलते हों, वहां भूमि न लें.
• यदि भूमि खोदते समय खप्पर मिले तो भूमि पर बनने वाला घर कलहकारी होता है.
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