जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राजधानी भोपाल में स्कूली छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपित एक युवक की जमानत अर्जी खारिज कर दी. न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी में कहा कि महज 13 साल की मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना न केवल शर्मनाक बल्कि बेहद गंभीर है. लिहाजा, राहत की उम्मीद बेमानी है.

अभियोजन के अनुसार पीडि़ता भोपाल निवासी 13 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा थी. 30 अप्रैल को वह अपनी 16 वर्षीय चचेरी बुआ के साथ घूमने निकली थी. उनके साथ करोंद निवासी 18 वर्षीय युवक भी था, जो बुआ का बॉयफ्रेंड था. तीनों एक्टिवा से शाम चार बजे मनुआभान की टेकरी पहुंचे. करीब पांच बजे नारियलखेड़ा निवासी एक अन्य 19 वर्षीय युवक भी टेकरी पर पहुंचा. इस दौरान बुआ और भतीजी सेल्फी लेने लगे, तभी पहले आया युवक अपनी गर्लफ्रेंड से नाराज हो गया. यह देखकर छात्रा अलग टहलने लगी. छात्रा पास नजर नहीं आई तो दोनों आरोपित युवक उसे खोजने के बहाने निकले और करीब 100 मीटर दूर दोनों आरोपितों ने चट्टान की खोह में ले जाकर छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया.

छात्रा ने यह बात परिजनों को बताने की धमकी दी तो दोनों ने उसकी हत्या कर दी. इसके बाद दोनों मृतका की बुआ के पास पहुंचे और कहा कि छात्रा कहीं नजर नहीं आ रही है. इसके बाद लाश मिलने पर वारदात का खुलासा हुआ तो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया. इसी मामले में जमानत पाने के लिए एक आरोपित की ओर से यह जमानत की अर्जी पेश की गई. सुनवाई के बाद आपत्ति और मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी.

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