इंडियन चपाती 

मेरे अभिन्न विलायती 

मित्र/कल 

अपने वतन  से 

निकलने के पहले 

रश्म अदायगी के तौर पर 

सपरिवार मिलने आ धमके 

आयातित सामग्री को देख 

होनेवाला कौतुहल मेरे यहाँ 

भी विराजमान हो गया 

इनके उठने, बैठने और बोलने 

का भी माइक्रोस्कोपिक 

अवलोकन प्रारंभ हो  गया था 

मेरे परिवार के तमाम 

सदस्यों के चेहरों पर 

बहुविध भावों का आना जाना 

चालु था/पर संवाद 

लगभग शुन्य था 

मैंने चुप्पी तोड़ी 

अरे कुछ खिलाओगी भी 

श्रीमती जी की तन्द्रा टूटी 

अरे क्यों नहीं 

हमसब साथ में डिनर करेंगे 

मौन का अर्थ सहमती 

समझ कर 

श्रीमती जी तैयारी

में लग गयीं

इधर उधर की चर्चा में 

वक़्त का पता ही नहीं चला 

खाना डाइनिंग टेबल 

पर हमारा इंतेजार

कर रहा था 

मेरे मित्र के माइकल जैक्सन नुमा 

बेटे ने चपाती देखते ही 

सिंहनाद किया 

'ब्लडी इंडियन चपाती' 

मेरे मित्र ने समय की 

नजाकत को देखते हुए  

उसके पैरों को दबाया 

वह बिफर उठा 

व्हाट इज रोंग विथ यू 

वी आर नॉट हियर फॉर ब्लडी चपाती 

मेरे मित्र को मानो

लकवा मार गया था 

वे कभी मुझे तो कभी अपने 

बेटे को देख रहे थे 

और मै बस 

उस पिता को समझने की 

कोशिश  कर रहा था जिसने / आज 

से तीस साल पहले 

बड़े फख्र से अपने वीसा को 

सारे शहर को  दिखाया था 

और आज 

खुद पे शर्मिंदा हो रहा था 

राजेश कुमार सिन्हा

बांन्द्रा(वेस्ट),मुम्बई-50

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