नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा गतिरोध के बीच भारतीय रेलवे ने एक और चीनी कंपनी से जुड़े ठेके को रद्द कर दिया है. रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक पूर्वी समर्पित मालवाहक गलियारे के सिग्नल एवं दूरसंचार कार्य के लिए एक चीनी कंपनी को दिया गया ठेका काम की धीमी गति को लेकर शुक्रवार 17 जुलाई को रद्द कर दिया. यह कार्य कानपुर और मुगलसराय के बीच गलियारे के 417 किलोमीटर लंबे खंड पर किया जाना था.

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने कहा, यह निरस्तीकरण पत्र आज शनिवार 18 जुलाई को जारी किया गया. डीएफसीसीआईएल इस परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है. सचान ने कहा कि बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एडं डिजाइन इंस्टिट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 14 दिन का नोटिस देने के बाद यह निरस्तीकरण पत्र जारी किया गया. इसी ग्रुप को 2016 में 471 करोड़ रुपये का यह ठेका दिया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि चीनी कंपनी को इस परियोजना से बाहर निकालने का काम जनवरी 2019 में शुरू हुआ था, क्योंकि वह निर्धारित समयसीमा में काम नहीं कर पाई थी. उन्होंने कहा कि कंपनी तब तक महज 20 फीसद ही काम कर पाई थी. डीएफसीसीआईएल ने इस साल अप्रैल में विश्व बैंक को यह ठेका रद्द करने के अपने फैसले से अवगत कराया था. विश्व बैंक ही इस परियोजना के लिए वित्तपोषण कर रहा है.

सचान ने कहा, काम की धीमी गति के चलते हमने चीनी कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया क्योंकि इस धीमी गति से हमारे कार्य में बहुत देरी हो गयी. हमें अब तक उनसे (विश्व बैंक से) से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिला है, लेकिन हमने उसे बता दिया कि हम ठेका रद्द कर रहे हैं और हम अपनी तरफ से इस काम के लिए धन देंगे.

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