महिलाओं को हर महीने 4 से 5 दिनों तक पीरियड्स की समस्या से गुजरना पड़ता है. इन दिनों में उनको तनाव, चिड़चिड़ेपन, चक्कर, उल्टी जैसी परेशानियों होने लगती हैं. वहीं, कई बार ब्लड का रंग भी अलग-अलग होता है. मगर, ज्यादातर महिलाएं इसे इग्नोर कर देती हैं लेकिन पीरियड्स का बदला रंग किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कौन-सा रंग किस बीमारी की ओर संकेत देता है.

गाढ़ा लाल रंग- विशेषज्ञों की मानें तो गाढ़े रंग के फ्लो का मतलब है कि जननांग से ब्लड का फ्लो बहुत ही धीमा है. ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा- ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा होने का मतलब है कि जो ब्लड फ्लो हो रहा है वह बहुत पुराना है. काफी समय पहले यह खून गर्भाशय में इक्ट्ठा हो रहा था. आमतौर इस रंग का ब्लड सुबह के फ्लो में आता है, जो सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. 

हल्का लाल कलर- अगर आपके पीरियड्स का कलर रेड है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये खून काफी हल्का होता है लेकिन दिन के समय जब फ्लो तेज होता है तभी लाल रंग का स्त्राव होता है.   

गाढ़ा लाल रंग- गाढ़ा लाल रंग फ्लो हो रहा है तो समझ लें कि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है. एेसा होने पर डॉक्टरी सलाह जरूर लें.

ब्लड फ्लो काला या गहरा- अगर आपके फ्लो का रंग गहरा काला है तो ये खतरे का संकेत है. काला फ्लो तब होता है जब गर्भाशय में संक्रमण हो या फिर ये गर्भपात का सूचक भी हो सकता है. पीरिड्स के सभी दिनों में काले रंग का फ्लो हो रहा हो तो डॉक्टर से संपर्क करें. 

नारंगी ब्लड फ्लो- नारंगी ब्लड फ्लो को नजरअंदाज ना करें. यह किसी इंफेक्शन का संकेत हो सकता है. अगर आपका पीरियड्स में नारंगी ब्लड आ रहा है तो डॉक्टरी जांच जरूर करवा लें.

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